अपीलीय प्राधिकार के रूप में डीएम ने की कुल 15 मामलों की सुनवाई
जागरण संवाददाता बिहारशरीफ लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शुक्रवार को ि
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शुक्रवार को द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के रूप में डीएम ने कुल 15 मामलों की सुनवाई की। इनमें से कुछ मामलों का निवारण सुनवाई से पूर्व ही संबंधित लोक प्राधिकार द्वारा किया गया था। कुछ मामलों में निवारण के लिए संबंधित लोक प्राधिकार के पदाधिकारियों को आदेश दिया गया।
चंडी के परिवादी ने निशक्तता पेंशन की स्वीकृति नहीं दिए जाने के बारे में परिवाद दायर किया था। सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने बताया कि परिवादी द्वारा समर्पित निशक्तता प्रमाण-पत्र गलत पाया गया है। इसमें परिवादी को जांच कराकर निक्तता प्रमाण-पत्र सक्षम स्तर से बनवाने का आदेश दिया गया। निशक्तता प्रमाण-पत्र के आधार पर पात्र होने पर अविलंब पेंशन की स्वीकृति दी जाएगी। --------------------------------------------------
जमाबंदी रदीकरण के लिए अपर समाहर्ता के कोर्ट में वाद दायर करने का निर्देश
नौगढ़, हिलसा के धनपत प्रसाद द्वारा परिवाद दायर किया गया कि जमाबंदी में छेड़छाड़ कर गलत जमाबंदी कायम कर दिया गया है। तत्कालीन कर्मचारी एवं सीओ द्वारा यह कार्य किया गया था जिनके विरुद्ध पूर्व में ही कार्रवाई की गई है। परिवादी को जमाबंदी के रद्दीकरण के लिए अपर समाहर्ता के न्यायालय में वाद दायर करने का निर्देश दिया गया। हिलसा के विकास आनंद व रूपेश सिंह मंटू द्वारा हिलसा नगर वार्ड 11 के किसानों के खेत तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के संबंध में परिवाद दायर किया गया। इस संबंध में विद्युत कार्यपालक अभियंता विद्युत आपूर्ति प्रमंडल एकंगरसराय ने बताया कि इसे कार्य योजना में शामिल कर लिया गया है तथा अगली योजना में यह कार्य करा दिया जाएगा। -----------------------------------------
डीएम ने कहा, दो दिनों के अंदर तमाम प्रविष्टियों को ठीक करें सीओ चंडी के नकुल सिंह द्वारा परिवादी के जमीन का रसीद किसी अन्य व्यक्ति के नाम से काट दिया जाने के संबंध में परिवाद दायर किया गया। इस संबंध में अपर समाहर्ता के न्यायालय में जमाबंदी रद्दीकरण हेतु वाद दायर करने का सुझाव दिया गया। राजगीर के जगत सिंह द्वारा परिमार्जन में खाता, खेसरा एवं रकवा की प्रविष्टि को ठीक करने के संबंध में दायर परिवाद के आलोक में सीओ राजगीर को दो दिनों के अंदर सभी प्रविष्टि को ठीक करने का आदेश दिया गया। अन्य मामलों में संबंधित लोक प्राधिकार को शिकायत के निवारण हेतु आवश्यक दिशा निदेश दिया गया।