गुस्से में अन्नदाता: इतना सस्ता हुआ कद्दू कि सड़क पर फेंका, घंटों लगा जाम
बिहार के नालंदा में किसान गुस्से में हैं। उन्होंने अपना एक हजार टन कद्दू सड़कों पर फेंक आक्रोश का इजहार किया। क्या है मामला, जानिए इस खबर में।
नालंदा [जेएनएन]। बिहार में अन्नदाता (किसान) इतने आक्रोशित हुए कि उन्होंने अपनी एक हजार टन से अधिक कद्दू की फसल को सड़कों पर फेंक दिया। इससे सड़क कद्दू से पट गया, जिससे आवागमन घंटों बाधित रहा। किसानों का गुस्सा फसल की लागत मूल्य भी नहीं मिलने के कारण भड़का। घटना नालंदा स्थित नूरसराय में हुई।
जानकारी के अनुसार वे बीते दिन नूरसराय बाजार में लगने वाली सब्जी मंडी में हर दिन की तरह कद्दू व सब्जी बेचने गए। लेकिन, व्यापारी किसानों को कद्दू का लागत मूल्य भी देने को तैयार नहीं थे। इससे किसान हताश हो गए। गुस्से में आकर उन्होंने कद्दू की फसल को बिहारशरीफ-पटना मुख्य मार्ग पर फेंकना शुरू कर दिया। देखते-देखते एक हजार टन से अधिक कद्दू रोड पर जमा हो गया। और मार्ग अवरुद्ध हो गया। मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। देखते-देखते दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतार लग गई।
बाद में पुलिस व प्रशासन ने किसानों को समझा कर जेसीबी से कद्दू को हटाया। लगभग तीन घंटे के बाद जाम को हटाया जा सका।
भाड़ा से भी कम मिल रहा मूल्य
किसान मंटू यादव, राहुल कुमार, योगेन्द्र प्रसाद, उमाशंकर प्रसाद, राजेश कुमार, शिशुपाल कुमार ने बताया कि हमलोगों को गांव से बाजार सब्जी लाने में ठेले वाले को 25 रुपये प्रति टोकरी के हिसाब से भाड़ा देना पड़ता है और यहां 20 रुपये टोकरी कद्दू लेने को कोई तैयार नहीं है। बाजार में खाद, तेल, बीज का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है। हम किसान काफी मेहनत और जमापूंजी लगाकर सब्जी का उत्पादन करते है लेकिन इसका लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है।
एक से दो रुपये किलो बिक रहा कद्दू
अंधना पंचायत के सैदी गांव के प्रगतिशील किसान नागमणी प्रसाद ने कहा कि बीते 10 दिन से किसानों को सब्जी में लागत मूल्य नहीं निकल रहा है। 1 रुपया 2 रुपया किलो कद्दू बिक रहा है, जबकि 1 बीघा कद्दू की खेती करने में 15 हजार से 20 हजार रुपये खर्च आता है।