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Amazing: पुनर्जन्म की यह कहानी जान सभी हैरान, जानिए भूटान के राजकुमार का नालंदा कनेक्शन

भूटान के राजकुमार टुएक आंग्चुक का नालंदा से गहरा रिश्ता है। वो खुद को तलाशने दूसरी बार नालंदा पहुंचे हैं। दावा है कि वो पूर्व जन्म में नालंदा विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 01:39 PM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 11:18 AM (IST)
Amazing: पुनर्जन्म की यह कहानी जान सभी हैरान, जानिए भूटान के राजकुमार का नालंदा कनेक्शन
Amazing: पुनर्जन्म की यह कहानी जान सभी हैरान, जानिए भूटान के राजकुमार का नालंदा कनेक्शन

नालंदा, जेएनएन। भूटान की महारानी दोरजी आंग्चुक के नाती छह साल के टुएक आंग्चुक शुक्रवार को दूसरी बार नालंदा पहुंचे। वे तीन साल पहले भी नालंदा आए थे। उनके यहां आने का प्रयोजन महज भ्रमण नहीं था बल्कि अपने पिछले जन्म की यादों की तलाश थी। भूटानी समाज में पुनर्जन्म को मान्यता है। समाज का दावा है कि टुएक आंग्चुक का यह दूसरा जन्म है। 

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दावा किया गया है करीब साढ़े आठ सौ साल पूर्व वे प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। उनका दूसरा जन्म भूटान की महारानी के परिवार में हुआ है। जब वे पहली बार नालंदा आए थे तो तीन साल के थे। उनका नालंदा का दूसरा दौरा गोपनीय था। मीडिया से भी दूरी बनाई गई । तस्वीर लेने की बिल्कुल मनाही थी। फिर भी स्थानीय गाइड के सौजन्य से उनके भ्रमण की तस्वीरें सामने आ गईं। 

इन दिनों 42 लोगों की टीम रॉयल भूटान राज परिवार के साथ भारत की यात्रा पर है। टीम में भूटान की एक राजकुमारी की माता यानी टुएक आंग्चुक की नानी व अन्य लोग हैं। नालंदा घूमने के दौरान उनके साथ रहे स्थानीय गाइड कमला सिंह ने बताया कि इस बार वो बहुत कम बात कर रहे थे। उन्होंने यहां सभी विहार व स्तूपों का अवलोकन किया। उस समय के छात्रावास के कमरों को भी देखा।

दावा किया गया कि राजकुमार ने जब होश संभाला तो सबसे पहले प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नाम का उच्चारण किया था। पहले तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। कुछ बड़े हुए तो उन्होंने बताया कि पिछले जन्म में नालंदा विवि में पढ़ाई की थी। जिस देश की भाषा हिंदी न हो, वहां के बालक के मुख से इसका शुद्ध उच्चारण सुनकर लोगों को हैरानी हुई।

राजपरिवार ने बालक को विलक्षण मानकर उनका पुनर्जन्म लेना स्वीकार किया। छह साल के राजकुमार ने जब पूर्व जन्म की बातें बतानी शुरू कीं तो इसे सच्चाई मान राजपरिवार पुनर्जन्म मानने को विवश हो गया। वे नालंदा विश्वविद्यालय से संबंधित संरचनाओं के बारे में भी बताने लगे थे।

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले जन्म में किस कमरे में पढ़ाई करते थे। पहले तो उन्होंने काफी भागदौड़ कर कमरे का खंडहर खोजा। फिर जानकारी दी कि वह वहीं पढ़ते थे। उन्होंने अपना सोने वाला कमरा भी दिखाया। 

दावा-बौद्ध काल के लामा विरोचना नाम के छात्र का हुआ है पुनर्जन्म 

राजगीर आईं भूटान की राजमाता दोजी आंग्मो आंग्चुक ने दावा किया कि उनके नाती टुएक आंग्चुक पिछले जन्म यानी आठवीं शताब्दी पूर्व बौद्ध काल में नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले लामा विरोचना नामक छात्र थे। अपने जन्म के एक वर्ष बाद से ही उस काल के विरोचना नामक छात्र का हाव-भाव दिखाने लगे थे।

जब वे दो वर्ष के हुए तो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के स्थानों का जिक्र करने लगे। आज नालंदा भग्नावशेष देखने के दौरान अक्षरश: उन स्थानों की शिनाख्त की जिनके बारे में वे पहले उन सभी को बता चुके हैं। ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे हमारे साथ विरोचना नामक छात्र हो। 


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