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आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 73.38 लाख होंगे खर्च

बिहारशरीफ। केन्द्र सरकार की नए शिक्षा बजट के अनुसार अब पूर्व से प्रायोजित 21 विद्यालयों के भवन निर्म

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:18 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:18 PM (IST)
आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 73.38 लाख होंगे खर्च
आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 73.38 लाख होंगे खर्च

बिहारशरीफ। केन्द्र सरकार की नए शिक्षा बजट के अनुसार अब पूर्व से प्रायोजित 21 विद्यालयों के भवन निर्माण पर रोक लग जाएगी। ऐसा इसलिए कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में 3.5 अरब की कटौती कर दी है। हालांकि आउट ऑफ स्कूल के बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभाग को 73.38 लाख रुपए खर्च करने की छूट दी है। सरकारी प्रावधान के अनुसार आउट ऑफ स्कूल के प्रति छात्र तीन हजार रुपये खर्च करके उन्हें उम्र सापेक्ष शिक्षा देकर अगली कक्षा में नामांकित करा दिया जाएगा। इसके लिए छह माह का गैर आवासीय शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। इसके अलावा 950 बच्चों के लिए 9 माह का आवासीय शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। इन पर विभाग की ओर से 42.50 लाख रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा किसी भी विद्यालय के नए कमरे व अन्य सिविल काम करने के लिए राशि नहीं दी जाएगी। यानी सरकार के नए बजट के बाद अब सरकारी स्कूलों के भवन निर्माण में फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं किए जाएंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि बजट में कटौती होने से अब न तो वर्ग कक्ष बनेगा और न ही शौचालय व रैंप के साथ किचेन शेड भी नहीं बन पाएगा। ऐसे में विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्कूल छात्र-छात्राओं के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाएगी।

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राशि आने के बाद बजट के अनुरूप होगा काम

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने बजट की स्वीकृति दे दी है। अब इस बजट की राशि आने के बाद बजट के अनुरूप आगे की रणनीति बनाकार काम किया जाएगा। वैसे वित्तीय वर्ष के छह माह खत्म हो गया है। अभी केन्द्र सरकार से बजट की स्वीकृति मिली है। इस राशि से नए भवन व कमरा के निर्माण आदि पर खर्च करने में परेशानी होगी। पुस्तक मेला पर होगा एक लाख का खर्च जिले के चिन्हित किसी एक हाईस्कूल में पुस्तक मेला लगाने पर एक लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें हाईस्कूल के 50 बच्चों को राज्य के अंदर तो 22 छात्रों को राज्य से बाहर शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पुस्तक मेला छात्रों के लिए कई प्रकार की पुस्तकें रहेगी। डीईओ ने बताया कि मेला लगाने का मुख्य उद्देश्य छात्रों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है।


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