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मुजफ्फरपुर के युवा चित्रकार अब कैनवास पर उकेर रहे कोरोना से मिले जख्म

कोरोना की गिरफ्त में आने वालों को अंतिम यात्रा के लिए कंधा तक नहीं मिल रहा है। इससे शहर के एक युवा चित्रकार मर्माहत हैैं। चित्रों के माध्यम से कोरोना के कहर को कैनवास पर उकेर रहे हैं। कोरोना के तांडव को चित्रों के माध्यम से बता रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 09:26 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 09:26 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के युवा चित्रकार अब कैनवास पर उकेर रहे कोरोना से मिले जख्म
युवा चित्रकार अपनी बनाई तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैैं।

मुजफ्फरपुर, [प्रमोद कुमार]। अब कैनवास तक कोरोना की पहुंच हो गई है। कोरोना ने मौत का तांडव कर रखा है। रिश्तों में जहर घोल दिया है। संक्रमण के भय ने रिश्ते-नाते, मित्र, सभी को नजर चुराने पर बाध्य कर दिया है। कोरोना की गिरफ्त में आने वालों को अंतिम यात्रा के लिए कंधा तक नहीं मिल रहा है। इससे शहर के एक युवा चित्रकार मर्माहत हैैं। चित्रों के माध्यम से कोरोना के कहर को कैनवास पर उकेर रहे हैं। कोरोना के तांडव को चित्रों के माध्यम से बता रहे हैं। युवा चित्रकार अपनी बनाई तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैैं। लोगों के दुख को बांट रहे हैं। कोरोना ने बीते वर्ष शहर के एक ख्याति प्राप्त चित्रकार को छीन लिया था। युवा चित्रकार को इससे बहुत दुख हुआ था। तब उन्होंने अपने कैनवास पर कोरोना को जगह नहीं दी थी, लेकिन वर्तमान में जो हालात हैं वह अपने को रोक नहीं पाए।

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पेश कर रहे सेवा की मिसाल

कोरोना की गिरफ्त में आए लोगों से जहां अपने भी मुंह छिपा रहे हैैं। वहीं एक युवा व्यवसायी उनकी मदद की मिसाल पेश कर रहे हैैं। जब तक वे जिंदा हैं उनके इलाज और मर जाने पर अंतिम संस्कार में अपना सहयोग दे रहे हैैं। इतना ही नहीं उनकी मदद को सरकार से मिलने वाली राशि भी सरकार के ही खाते में डाल दी। युवा व्यवसायी सफाई महकमे के जनप्रतिनिधि हैं। काफी संघर्ष के बाद उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में अपना परचम लहराया था। अब वह जनप्रतिनिधि के रूप में सेवाभावना से लंबी लकीर खींच रहे हैं। युवा व्यवसायी रात में अपने बल-बूते लोगों के घरों को सैनिटाइज करते हैैं। दिन में मुक्तिधाम पहुंचकर मृतकों के दाह-संस्कार में आ रही बाधाओं को दूर करते हैं। जनप्रतिनिधि के रूप में उनको मिलने वाली राशि कोरोना से लडऩे के लिए सरकारी खाता में डाल दी। कोरोना के पहले चरण में भी उन्होंने अपनी सेवाभावना दिखाई थी।

कोरोना को देंगे पटखनी, कर रहे उठक-बैठक

शहर के एक युवा नेता सुबह-शाम जमकर उठक-बैठक कर रहे हंै। पूरे जीवन जो काम नहीं किया वह कर रहे हैं। कारण, उनको कोरोना को पटखनी देनी है। इसलिए उठक-बैठक कर शरीर को मुकाबले के लिए तैयार कर रहे हैं। युवा नेता शहर के सफाई महकमे के जनप्रतिनिधि रह चुके हैं। उनकी पत्नी भी उनके साथ महकमे की जनप्रतिनिधि रह चुकी हैं। युवा नेता सालों से देश की सबसे बड़ी पार्टी का झंडा लेकर घूम रहे हैं। वह बीते वर्ष कोरोना माई की गिरफ्त में आ गए थे। जान जाते-जाते बची थी। कोरोना माई से मुक्ति पाने के लिए उन्हें एक महीने तक नजरबंद होना पड़ा था। इसलिए इस बार पूरी तरह से सतर्क हैं। कोरोना माई ने उनपर हमला बोल भी दिया तो उनकी उठक-बैठक के सामने नहीं टिक पाएंगी। इंटरनेट मीडिया पर उन्होंने अपनी तस्वीर डाली है।

कोरोना मरीजों को परोस रहे बिरयानी

अस्पताल में हों या होम आइसोलेशन में, कोरोना मरीजों को शहर के तीन युवा वेज बिरयानी खिला रहे हैं। बस आपके भोजन की जरूरत की सूचना उन तक पहुंच जानी चाहिए। शहर में कई ऐसे परिवार हैं जिनके सभी सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और होम आइसोलेशन में हैं। उनके घर में खाना बनाने वाला तक नहीं है। वहीं अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज भी घर से खाना नहीं आने से सरकारी भोजन पर ही निर्भर हैं। ऐसे में शहर के तीनों युवाओं ने उन तक भोजन पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। शुुरुआत दो-चार लोगों की मदद से हुई जो अब सौ तक पहुंच गई है। संख्या अभी बढ़ती जा रही है। इससे तीनों युवाओं के उत्साह में कमी नहीं आई है। अब उनकी मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं।  


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