अनंत सूत्र बांध आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना
भगवान अनंत यानी श्रीहरि विष्णु की पूजा-आराधना के पर्व अनंत चतुर्दशी पर रविवार को लोगों ने व्रत रखते हुए पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ पूजा की।
मुजफ्फरपुर। भगवान अनंत यानी श्रीहरि विष्णु की पूजा-आराधना के पर्व अनंत चतुर्दशी पर रविवार को लोगों ने व्रत रखते हुए पूरी श्रद्धा व आस्था के साथ पूजा की। पूजा को लेकर सुबह से ही लोग मंदिरों में जुटने लगे थे। कथा के बाद क्षीरसागर में अनंत भगवान को मथा गया। फिर लोगों ने बाजू पर अनंत सूत्र धारण किया। भगवान से आरोग्यता, मुसीबतों से रक्षा व कल्याण की कामना की। कई घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा भी हुई। इधर, बाबा गरीबनाथ मंदिर, हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर, रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर, ब्रह्मापुरा स्थित बाबा सर्वेश्वरनाथ मंदिर सह महामाया स्थान, गन्नीपुर स्थित बाबा आनंद भैरव मंदिर, बालूघाट स्थित श्री राणी सती कोटड़ी वाली दादी मंदिर व जंगली माई स्थान, संतोषी माता मंदिर, सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर आदि जगहों पर भक्तों की काफी भीड़ रही। मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पं. रमेश मिश्र ने बताया कि इस व्रत को करने से भगवान श्रीहरि अपने भक्तों के समस्त दु:खों को दूर कर उनका कल्याण करते हैं। उनके घरों में धनधान्य की वृद्धि होती है। अनंत सूत्र धारण करने वाले को इसे कम से कम 14 दिन धारण करके रखना चाहिए और इस बीच मांसाहार से परहेज रखना चाहिए। वैसे नियम यह है कि इसे पूरे साल बांधकर रखें तो उत्तम फल मिलता है। अनंत का सूत्र बड़ा ही चमत्कारी है। एक बार कौंडिल्य ऋषि ने पत्नी की बाजू में इसे बंधा देखकर इसे जादू-टोने का धागा मान लिया और उसे जला दिया। उसके बाद ऋषि को दु:खों का सामना करना पड़ा। भूल का अहसास होने पर उन्होंने खुद 14 वर्षो तक अनंत व्रत किया। इससे प्रसन्न होकर अनंत भगवान ने उन्हें फिर से धन वैभव प्रदान किया।