दरभंगा में गर्भपात कराने आई महिला दुष्कर्म का आरोप लगा लाखों रुपये लेकर हुई फरार, अब ढूंढ रहे दलाल, फिर नया ऑडियो वायरल
Bihar Crime पीडि़ता ने जिसे मां बताया वह गया जिले की जगह बहेड़ी थानाक्षेत्र की अस्मति खातून निकली दलालों ने खोला पोल बातचीत का फिर से ऑडियो क्लिप वायरल पटना के कई ठिकानों पर पीडि़ता को खोजने में जुटे हैं दलाल मोबाइल स्वीच ऑफ होने से दलालों की बढ़ी मुश्किल
दरभंगा, जासं। लहेरियासराय थानाक्षेत्र के बेंता में 30 मई को गर्भपात कराने गई महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश मामले में दलालों की मुश्किलें बढ़ गई है। आरोपित के स्वजनों से समझौता के नाम पर एक लाख रुपये की ठगी में जो वैज्ञानिक साक्ष्य मिलें हैं उससे दलालों का फंसना तय माना जा रहा है। यही कारण है कि सभी दलालों को अब अपनी गलती पर पछतावा हो रहा है। समझौता व शपथ पत्र पर पीडि़ता का हस्ताक्षर कर रुपये लेकर गायब हो गई है। ऐसी स्थिति में दलाल पीडि़ता को खोजने के लिए पटना के कई ठिकानों को खंगालने में जुटे हैं। पीडि़ता का मोबाइल भी स्विच ऑफ है, पता की जानकारी भी किस दलाल को नहीं है। ऐसी स्थिति में घटना स्थल पर जिस महिला को पीडि़ता ने मां बताते हुए गया जिले से साथ आने की बात कही थी, उसकी भी खोज दलालों ने तेज कर दी है।
हालांकि, वह फिलहाल कहां रहती इसकी जानकारी किसी को नहीं है। लेकिन, दलाल उस महिला का नाम जानते हैं। वह बहेड़ी थानाक्षेत्र की निवासी है। 15 वर्षों से बेंता के कई क्लीनिक में काम किया है। उसकी सारी पोल दलालों ने खोली है। दरअसल, आरोपित के स्वजनों ने जब दलालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारियों को आवेदन दिया और जांच शुरू हुई तो कई की परेशानी बढ़ गई। इसके बाद जगह-जगह फोनकर मामले को मैनेज करने में सभी लगे हैं। इस बातचीत का ऑडियो क्लिप रोजाना इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। बहरहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। बहुत जल्द कई लोगों से इस मामले में पूछताछ हो सकती है। बता दें कि घटना की जानकारी मिलने पर महिला थाने की पुलिस ने आरोपित व बहेड़ी थानाक्षेत्र के सिरूआ निवासी कंपाउंडर आशीष ङ्क्षसह को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कुछ दलालों ने आरोपित के पिता को फोन कर समझौता के नाम पर दो लाख रुपये की मांग की। इसमें एक लाख रुपये पर समझौता हुआ। इसमें अस्सी हजार रुपये नकदी और 20 हजार रुपये गुगल पे से मनोज नामक शख्स को दिया गया। वकील ने समझौता व शपथ पत्र बनाया। जिस पर पीडि़ता ने हस्ताक्षर किया। लेकिन, कुछ ही पल बाद पीडि़ता गायब हो गई। खोजबीन के बाद बताए गए पता पर लोग खोजने गए। लेकिन, उस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। इसके बाद आरोपित के पिता को ठगी का एहसास हुआ और वरीय अधिकारियों को साक्ष्य के साथ जांच के लिए आवेदन दिया।