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मधुबनी जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर क्यों है इस तरह की व्यवस्था

बिहार में मधुबनी में 72 हेल्थ एंड वेलनसे सेंटरों का लोगों को नहीं मिल रहा समुचित लाभ 72 में केवल 10 सेंटरों पर सीएचओ की तैनाती शेष 62 केंद्र नर्सों के भरोसे एपीएचसी व स्वास्थ्य उपकेंद्रों को विकसित करने की पिछले साल बनी थी योजना।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 05:36 PM (IST)
मधुबनी जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर क्यों है इस तरह की व्यवस्था
लोगों का आश्रय स्थल बना पंडौल का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर। फोटो-जागरण

मधुबनी, {कपिलेश्वर साह}। जिले के 502 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व स्वास्थ्य उप केंद्र को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना पिछले वर्ष बनाई गई थी। इसके लिए पहले चरण में तीन करोड़ 25 लाख 16 हजार रुपये की स्वीकृति मिली थी। इससे अब तक जिले में 72 केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा सका है। बाकी जगह कुछ नहीं हुआ। जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने हैं, वहां पर भी स्वास्थ्य सुविधाएं, चिकित्सक तथा नर्स की कमी है। इससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा। प्रत्येक केंद्र पर एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) एवं दो नर्स की तैनाती होनी है, जबकि 10 सेंटर पर ही सीएचओ कार्यरत हैं। शेष सेंटर नर्स के सहारे चल रहे।

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हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नहीं मिल रही सुविधाएं

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना था। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। इन केंद्रों पर स्वास्थ्य देखभाल परामर्श एवं सामान्य प्रसव सेवाएं, नवजात शिशु के स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं, बाल्यावस्था एवं किशोर स्वास्थ्य परामर्श एवं सेवाएं, परिवार नियोजन परामर्श एवं गर्भनिरोधक सेवाएं, राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अनुसार संचारी रोगों का प्रबंधन, गैर संचारी रोगों की खोज, जांच के साथ ही टीबी, कुष्ठ रोग आदि की सामान्य जांच की सुविधा बहाल होनी थी। इसके अलावा इन सेंटरों पर दांत, नेत्र, कान, नाक, गला संबंधित बीमारियों, मानसिक समस्याओं आदि की जांच एवं परामर्श दी जानी थी। स्वच्छ पेयजल व शौचालय की सुविधा बहाल करनी थी। रक्त, मूत्र एवं बलगम की जांच के साथ ही आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी थी। टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिए विशेष चिकित्सा परामर्श की सुविधाएं उपलब्ध करानी थी। केंद्रों की स्थापना के बाद भी लोगों को अब तक ये सुविधाएं मिल नहीं पा रही।

शंभुआर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना आश्रय स्थल 

जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर शंभूआर पंचायत भवन के बगल में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की दशा देखकर जिले के अब तक के कुल 72 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस सेंटर का भवन तो आलीशान है, लेकिन यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अता-पता नहीं है। इस सेंटर पर कहने को दो नर्स पदस्थापित हैं, लेकिन वे कब आती-जाती हैं, इसका पता अगल-बगल के लोगों को भी नहीं चलता। ऐसे में यह सेंटर स्थानीय लोगों का आश्रय स्थल बनकर रह गया है। सेंटर के कमरों का ताला कई महीनों तक नहीं खुलता है। स्थानीय रामेश्वर मल्लिक ने बताया कि यह सेंटर शायद ही किसी दिन खुलता है। दो मैडम कभी-कभी आती हैं। कुछ समय के बाद चली जाती हैं।

-जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर निर्धारित स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने के लिए विभाग सजग है। कमी को विभागीय स्तर पर दूर करने की कोशिश चल रही है। सेंटर पर स्वास्थ्य सेवा में किसी तरह की शिकायत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अंकित मोबाइल नंबर पर दी जा सकती है। सेंटर से बगैर सूचना गायब रहने वाले कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' - डा. सुनील कुमार झा, सिविल सर्जन, मधुबनी


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