Sheohar News: बैंक में मुख्य प्रबंधक की नौकरी करते हुए रणजीत ने पाई बीपीएससी में कामयाबी, ट्यूशन पढ़ाकर की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी
Sheohar News बैंक की नौकरी छोड़कर अब लौटेंगे बिहार करेंगे बिहार की सरकार और बिहार की अवाम के लिए काम पटना में रहकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एसबीआइ और एलआइसी की छोड़ी नौकरीओरियंटल बैंक आफ कामर्स में बने बैंक अधिकारी
शिवहर, जासं। जिले के पिपराही प्रखंड के मोहनपुर निवासी राजदेव झा के पुत्र रणजीत कुमार ने पंजाब नेशनल बैंक में मुख्य प्रबंधक के पद पर नौकरी करते हुए बीपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर मिसाल पेश किया है। नई दिल्ली के अशोक बिहार स्थित पीएनबी के मुख्य प्रबंधक की नौकरी छोड़ कर रणजीत अब बिहार लौटेंगे और बिहार में ही बीपीआरओ के पद की जिम्मेदारी संभाल समाज की सेवा करेंगे।
रणजीत की सफलता पर उनके गांव ही नहीं जिले में हर्ष की लहर है। रणजीत शिवहर के पांचवे होनहार है, जिन्होंने बीपीएससी परीक्षा में कामयाबी का परचम लहराया है। रणजीत ने इससे पूर्व कई सफलता प्राप्त की है। उन्होंने एसबीआई, नाबार्ड और एलआईसी में अधिकारी की नौकरी छोड़ ओरियंटल बैंक आफ कामर्स में बैंक अधिकारी की नौकरी की।
ओरियंटल बैंक आफ कामर्स के पंजाब नेशनल बैंक में विलय के बाद वह पीएनबी की दिल्ली स्थित अशोक बिहार शाखा में मुख्य प्रबंधक के पद पर तैनात है। बैंक की नौकरी करते हुए भी उन्होंने बीपीएससी की तैयारी की। साथ ही बीपीएससी की 64 वीं संयुक्त परीक्षा में सफलता भी हासिल की। इतना ही नहीं वह बीपीएससी की 66 वीं परीक्षा के लिए भी क्वालीफाई कर चुके है। वैसे उन्होंने फर्श से अर्श तक पहुंचने की लिए काफी संघर्ष किया। पिता राजदेव झा बिहार संस्कृत् शिक्षा बोर्ड के रिटायर कर्मी है।
परिवार की हाल अच्छी नहीं थी। जबकि, अर्थशास्त्र से एमए करने वाले रणजीत ने ''रण'' जीतने का सपना देख रखा था। उन्होंने राजधानी पटना में रहकर बच्चों को कोचिंग देकर अर्थ अर्जन किया और इसी पैसे से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। रणजीत ने बताया कि, सरकार ने उन्हें बीपीआरओ बनाया है। वह दिल्ली से बैंक की नौकरी छोड़कर बिहार लौटेंगे। और बिहार की सरकार और बिहार के लोगों के लिए काम करेंगे। बताया कि, बिहार की मिट्टी की बात ही कुछ और है।