जब पश्चिम चंपारण के एक गांव में पहुंचा गैंडा तो ऐसे बदला वहां का नजारा
गांव के लोगों की सतर्कता से गैंडा ने बदल लिया लोकेशन, छह दिन से सरेह में विचरण कर रहे गैंडे ने त्रिवेणी नहर के समीप गन्ने के खेत में डाला डेरा।
मुजफ्फरपुर (जेएनएन)। तिरहुत प्रमंडल के पश्चिम चंपारण स्थित वीटीआर के जंगल से भटक कर एक गैंडा पिछले छह दिनों से रिहायशी इलाके में विचरण कर रहा है। वह बगहा दो प्रखंड के बेलहवा गांव में घुस गया। इसके बाद कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी की स्थिति हो गई। ग्रामीण शोर मचाने लगे। हालांकि लोगों की सतर्कता की वजह से गैंडे ने अपना लोकेशन बदल लिया और पुन: सरेह में आ गया। अभी त्रिवेणी नहर के समीप गन्ना के खेत में डेरा डाले हुए है। गांव के लोगों में दहशत है।
सतर्क रहने की हिदायत
गैंडा के गांव में आने में सूचना पर वनकर्मियों की टीम रविवार को पहुंची। जीपीएस से भी गैंडे का लोकेशन लिया गया। वन अधिकारियों ने ग्रामीणों का मनोबल बढ़ाया और गैंडा से सतर्क रहने की हिदायत दी। बताया जाता है कि पिछले दो दिन से गैंडा बेलहवा गांव के समीप सरेह में विचरण कर रहा है।
लोगों ने मचाया शोर
बीती शाम वह सरेह से निकल कर गांव की ओर आ रहा था। गांव के बाहर महेश महतो के घर के पास लोगों ने गैंडे को देखा तो शोर करने लगे और आग जलाया। उसके बाद गैंडा पुन: अपना लोकेशन बदल कर सरेह की ओर वापस चला गया।
निगरानी के लिए वनकर्मी तैनात
वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि सरेह में चारों तरफ गन्ना लगा हुआ है। गन्ना के खेत में गैंडा अपना अधिवास बना लिया है। उस सरेह में उसको भोजन मिल रहा है। इसलिए वह जंगल के अधिवास क्षेत्र में लौटना नहीं चाहता है। गैंडे की निगरानी के लिए मदनपुर वनक्षेत्र के वनकर्मियो की टीम को लगाया गया है। गनौली व हरनाटाड़ वनक्षेत्र के कर्मचारी भी गैंडे की निगरानी में लगे हैं।