जब प्रशासन ने नहीं सुनी फरियाद तो पश्चिम चंपारण में ग्रामीणों ने जनसहयोग से कराया सड़क निर्माण
सरकारी कोष से नहीं हुआ सड़क का निर्माण तो धनकुटवां पंचायत के नरकटिया जगन्नाथ चौधरी के गोवास से त्रिमुहान घाट तक जनसहयोग से सड़क निर्माण का कार्य श्ुारू किया गया। करीब तीन किलोमीटर में सड़क निर्माण में जेसीबी की मदद ली जा रही है।
पश्चिम चंपारण,जेएनएन। बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण सरकारी कोष से नहीं हुआ। विगत चार महीने से यहां के लोग शासन और प्रशासन फरियाद कर रहे थे। लेकिन किसी ने फरियाद नहीं सुनी । इंतजार के बाद किसान सड़क निर्माण का निर्णय लिए और जनसहयोग से निर्माण आरंभ कर दिया। यह निर्माण धनकुटवां पंचायत के नरकटिया जगन्नाथ चौधरी के गोवास से त्रिमुहान घाट तक शुरू किया गया है।
करीब तीन किलोमीटर में सड़क निर्माण में जेसीबी की मदद ली जा रही है। इसका नेतृत्व कर रहे चित्रांगदमणि गिरी, राकेश मिश्र, बबूआ जी गिरी, जितेेंद्र साह आदि ने बताया कि अगस्त महीने में लगातार तीन बार बाढ़ आई थी। जिसमें नरकटिया गांव चारों तरफ से घीर गया था। इस बीच नरकटिया से झखरा जाने वाले मार्ग में धोबहा पुल विल्कुल क्षतिग्रस्त हो गया। पंचायत मुख्यालय से संपर्क मार्ग समेत त्रिमुहान घाट होकर जाने वाली सड़क भी कई जगह ध्वस्त हो गई थी। बाढ़ की समाप्ति बाद किसानों को गन्ना हरिनगर चीनी मिल में भेजने की ङ्क्षचता सताने लगी थी।
पूरे चार महीने बीत गए, लेकिन सरकारी कोष से सड़क का निर्माण व मरम्मत नहीं हुई। इधर चीनी मिल में गन्ना पेराई भी शुरू कर दिया गया। लंबे इंतजार के बाद किसानों को गन्ना चीनी मिलों में भेजने को लेकर बेचैनी बढऩे लगी। अंतत: किसान स्वंय सड़क मरम्मति का निर्णय लिया और जनसहयोग से तीन किलोमीटर की क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण आरंभ कर दिया है।
किसानों ने बताया कि धोबहां पुल व धनकुटवां जाने वाले क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण जनसहयोग से संभव नहीं था। जिसे लेकर त्रिमुहान घाट पर बने पुल के रास्ते ही गन्ना भेजने का एक मात्र विकल्प है। जहां कई जगहों पर बाढ़ के कारण सड़क बह गई है। जिसे जेसीबी के सहयोग से मिट्टी डालकर सड़क को काम चलाने के लिए बनाया जा रहा है।
त्रिमुहान घाट पुल का पहुंच पथ अभी नहीं बना है। पुल के संवेदक जिलाधिकारी के फटकार के बाद मिट्टी डालकर पुल पार करने लायक बनाया था। वह मिट्टी भी बरसात में बह गई है। जिससे गन्ना लदे वाहन को पुल पार नहीं किया जा सकता है। वहां भी दोनों तरफ से मिट्टी डालकर सड़क को तत्काल दुरुस्त किया जा रहा है।