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Muzaffarpur Flood News : बाढ़ में सब्जी की फसल क्या डूबी, किसानों की किस्मत ही उनसे रूठ गई

Muzaffarpur Flood News मुजफ्फरपुर जिले के आठ हजार हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी जमा होने के कारण फसल पूरी तरह गल गई है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 02:17 PM (IST)
Muzaffarpur Flood News : बाढ़ में सब्जी की फसल क्या डूबी, किसानों की किस्मत ही उनसे रूठ गई
Muzaffarpur Flood News : बाढ़ में सब्जी की फसल क्या डूबी, किसानों की किस्मत ही उनसे रूठ गई

मुजफ्फरपुर [नीरज]। बाढ़ और बारिश के चलते मुजफ्फरपुर जिले के आठ हजार हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। खेतों में पानी जमा होने के चलते फसल पूरी तरह गल गई हैं। धूप निकलने के बाद यह सूखकर खराब हो रही हैं। किसान हताश, निराश और अवाक हैं। जिस सब्जी की फसल की बदौलत अभी उनका भविष्य लहलहाता, उसने उनसे मुंह मोड़ लिया है।

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वास्तविक क्षति का आकलन किया जा रहा

कृषि विभाग ने माना है कि औराई, मीनापुर और मोतीपुर प्रखंडों में फसलों पर बाढ़ का प्रभाव अधिक हुआ है। अब मंत्री के आदेश पर वास्तविक क्षति का आकलन किया जा रहा है। जिले में बाढ़-बरसात का कहर किसानों पर टूटा है। इसके चलते सब्जी उत्पादक किसानों के अरमान बाढ़ के पानी में बह गए हैं। वहींं किसानों पर महाजनों का कर्ज बढ़ गया है।

किसानों का दर्द छलका

मुशहरी के मणिका निवासी किसान संजय कुमार, कांटी के अरुण महतो व कुढऩी के दिनेश कुमार के अनुसार इसबार सब्जी उत्पादक किसानों का बुरा हाल है। पहले लॉकडाउन के चलते सब्जी की उचित कीमत उन्हें नहीं मिली। बाद में बाढ़-बरसात ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मीनापुर प्रखंड के पानापुर निवासी रवि रंजन कुमार उर्फ गुड्डू पासवान की मानें तो फरवरी-मार्च में बेमौसम बारिश से सब्जी की फसल को नुकसान पहुंचा था। इसके बाद किसानों ने दोबारा खेती की तो बारिश के पानी में फसल डूबकर बर्बाद हो गई। तीसरी बार की गई सब्जी की फसल बाढ़ से बर्बाद हो गई।

16 प्रखंडों में से 13 में होती है सब्जियों की खेती

जिले के 16 प्रखंडों में से 13 में सब्जियों की खेती होती है। मौसमी सब्जियों की 6093.95 व कच्चा केला समेत अन्य सब्जियों की लगभग आठ हजार हेक्टेयर में खेती की जाती है। इनमें तमाम सब्जियां बाढ़ बरसात की भेंट चढ़ गई हैं। खेत नदी में तब्दील होकर रह गए हैं।

क्षति का आकलन किया जा रहा

कृषि विभाग की ओर से सरकार को भेजी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में 5288.72 हेक्टेयर में लगी फसल के प्रभावित होने का उल्लेख किया गया है। हालांकि, कृषि मंत्री प्रेम कुमार के निर्देश पर अब वास्तविक क्षति का आकलन किया जा रहा है। नदियों के तल्ख तेवर और बाढ़ के बढ़ते प्रसार के चलते क्षति का आंकड़ा बढ़ सकता है।

विभाग की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार मुशहरी में नौ हेक्टेयर, मुरौल में एक, सकरा में 3.22, बंदरा में 238, बोचहां में 178, गायघाट में 153, कटरा में 224, औराई में 52, मीनापुर में 2717, कांटी में 390, मोतीपुर में 390, मड़वन में 19.20 व कुढऩी में 799.20 हेक्टेयर में लगी सब्जी की फसल प्रभावित हुई है।

जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि फसल क्षति की प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। अब मंत्री के निर्देश के आलोक में क्षति का वास्तविक आकलन किया जा रहा है। जिले में बाढ़-बरसात से हुई फसलों की नुकसान की भरपाई आकस्मिक फसल योजना से पूरी की जाएगी। इसके लिए विभाग से अतिरिक्त बीजों की मांग की गई है। 


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