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West Champaran: रामनगर के शिक्षक सदाकांत सेवानिवृत्ति के बाद ज्ञान की लौ से फैला रहे शिक्षा की ज्योति

West Champaran News सेवानिवृत्ति के बाद बीते सात साल से बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे रामनगर के शिक्षक सदाकांत। रोजाना उनके घर लगती क्लास कक्षा एक से 10वीं तक के छात्रों को गणित व हिन्दी की देते शिक्षा।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:37 AM (IST)
West Champaran: रामनगर के शिक्षक सदाकांत सेवानिवृत्ति के बाद ज्ञान की लौ से फैला रहे शिक्षा की ज्योति
बच्चों को पढ़ाते रिटायर्ड शिक्षक सदाकांत शुक्ल।

रामनगर (पश्चिम चंपारण), गौरव वर्मा। सेवानिवृत्ति के बाद भी बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे पश्चिम चंपारण के रामनगर निवासी सदाकांत शुक्ल। प्रतिदिन उनके घर पर कक्षा चलती है। इसमें आसपास के कक्षा एक से 10वीं तक के 40 छात्र-छात्राएं जुटते हैं। वे उन्हें गणित और ङ्क्षहदी की शिक्षा देते हैं। बीते सात साल से चल रहा उनका यह निशुल्क अभियान कोरोना काल में भी जारी है। 

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लौरिया प्रखंड के दनियाल परसौना गांव निवासी 67 वर्षीय सदाकांत वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद भी उन्होंने शिक्षण से नाता नहीं तोड़ा। विषयवार शिक्षक प्राय: सभी विद्यालयों में नहीं हैं। ऐसे में वे जब भी किसी स्कूल में जाते तो वहां के शिक्षक पढ़ाने के लिए प्रेरित करते थे। कई बार विद्यालय के प्रभारी फोन से उन्हें अपने विद्यालय में आने का आग्रह करते थे। ऐसे में अगले दिन वे बाइक या साइकिल से उस विद्यालय में पहुंच जाते थे। कोरोना के चलते स्कूल बंद हुए तो उन्होंने घर ही शिक्षा देने की शुरुआत की। यह क्रम आज भी जारी है। वे छात्रों को घर में पढ़ाते हैैं। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर बच्चे मास्क व सैनिटाइजर लेकर पहुंचते हैं। उनके पढ़ाए विद्यार्थी रेलवे के साथ कई विभागों में सेवा दे रहे हैं। कई डॉक्टर व इंजीनियर हैं।

गरीब बच्चों को पढ़ाने में मिलती प्रसन्नता

67 वर्षीय सदाकांत को सेवाकाल में उत्कृष्ट कार्य के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2010 में राजकीय अध्यापक पुरस्कार और वर्ष 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित किया था। सदाकांत का कहना है कि जब ङ्क्षजदगी में शिक्षक का किरदार मिल गया तो उसे आजीवन निभाने का संकल्प ले लिया। गरीब बच्चों को पढ़ाने में प्रसन्नता मिलती है।

 बीईओ रामनगर फणीश चंद्र पाठक का कहना है कि सदाकांत शिक्षादान के जरिए राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका निभा रहे हैं। उनके इस समर्पण पर शिक्षकों को गर्व है।


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