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सीएम नीतीश कुमार की सरकार में पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का कोरोना से निधन के बाद क्षेत्र में शोक की लहर

मधुबनी के लदनियां प्रखंड के मोतनाजे गांव में 11 मई 1951 को जन्मे कपिलदेव कामत जदयू के कद्दावर नेता माने जाते थे। इससे पहले वे 2005 से 2010 तक बाबूबरही विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। कपिलदेव कामत की पहचान जमीन से जुड़े नेता के रूप में की जाती है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 09:55 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 01:41 PM (IST)
सीएम नीतीश कुमार की सरकार में पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का कोरोना से निधन के बाद क्षेत्र में शोक की लहर
11 मई 1951 को जन्मे कपिलदेव कामत जदयू के कद्दावर नेता माने जाते थे।

मधुबनी, जेएनएन। सूबे के पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत का गुरुवार की देर रात पटना एम्स में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। किडनी रोग से ग्रसित मंत्री कामत कोरोना संक्रमित हो गए थे। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें एम्स में भर्ती किया गया था। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। मूलरूप से मधुबनी जिला के लदनियां प्रखंड के मोतनाजे गांव में 11 मई 1951 को जन्मे कपिलदेव कामत जदयू के कद्दावर नेता माने जाते थे।

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उनकी बहु मीना कामत बाबूबरही से उम्मीदवार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में कपिलदेव कामत का नाम शामिल था। वर्तमान में वे बाबूबरही विधानसभा से निर्वाचित थे। बीमार रहने के कारण इस बार पार्टी ने उनकी जगह उनकी बहु मीना कामत को बाबूबरही से उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले वे 2005 से 2010 तक बाबूबरही विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। कपिलदेव कामत की पहचान जमीन से जुड़े नेता के रूप में की जाती है। उनका राजनीतिक जीवन 1977 में शुरू हुआ। 1979 में राजनीतिक कारणों से उन्होंने बीस दिन भागलपुर जेल में बिताए।

पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

पुन: 2001 के एक मामले में उन्हें 2005 में मधुबनी जेल में दस दिन बिताने पड़े थे। 1980 से 85 तक वे मधुबनी के लदनियां प्रखंड के बीससूत्री सदस्य रह चुके हैं। वहीं, 2001 में वे लदनियां प्रखंड से पंचायत समिति सदस्य भी चुने गए। 2015 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें राज्य में पंचायती राज मंत्री बनाया गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक जताया है। जानकारी के अनुसार, उनके पार्थिेव शरीर को उनके पैतृक गांव मोतनाजे लाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मौत की खबर सुनते ही जदयू कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई है। शोकाकुल कार्यकर्ता उनके गांव पहुंचने लगे हैं।


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