मुजफ्फरपुर में जलमीनार धराशायी, जनता को एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ
शहर से लेकर गांव तक हर घर नल का जल योजना में भारी अनियमितता। कार्रवाई की जगह फाइल हो रही मोटी योजना की गुणवत्ता भी प्रभावित। योजनाओं की लगातार जांच के बाद भी लूट पर लगाम नहीं लग सका।
मुजफ्फरपुर, जासं। गांव से लेकर शहर तक के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजना हर घर नल का जल लागू की। मगर यह योजना अनियमितता और लूट की भेंट चढ़ गई। सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हो गए, जनता को एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ। कहीं जलमीनार बनने से पहले ध्वस्त हो गए तो कहीं बिना योजना के ही लाखों रुपये की निकासी हो गई। कई जगहों पर कुछ दिनों के लिए पानी की आपूर्ति हुई, मगर खराब गुणवत्ता वाले सामान लगाए जाने के कारण योजनाएं दम तोड़ गईं। नतीजा जनता प्यासी रह गई और योजना को धरातल पर उतरवाने वाले मालामाल हो गए। दुखद पहलू यह रहा कि जिले में योजनाओं की लगातार जांच के बाद भी लूट पर लगाम नहीं लग सका। जिन गड़बडिय़ों को आमलोग पकड़ ले रहे वह जांच टीम की नजर में नहीं आ रही। यहां तक कि प्रशासनिक स्तर से गड़बड़ी के आरोपितों को बचाने का ही भरसक प्रयास किया जाता है।
मानक का नहीं हो रहा पालन
योजना के लिए जो मानक सरकार ने तय किए थे उसका पालन गिने चुने वार्ड में ही किया जा रहा। कुछ जगह तो योजना में लूट का आलम देखने से ही पता चल जाता है। कुढऩी की जम्हरुआ पंचायत में पिछले वर्ष जल की आपूर्ति से पहले ही जलमीनार ध्वस्त हो गया। वार्ड 12 की करीब 21 लाख की योजना धराशायी हो गई। यही कहानी शहरी क्षेत्र के वार्ड 41 में तीन दिन पहले दोहराई गई। वार्ड में करीब एक करोड़ की योजना पर काम हो रहा है। इसमें से एक योजना का जलमीनार जलापूर्ति से पहले ही ध्वस्त हो गया। बताया जा रहा कि बालू की कीमत बढऩे के कारण सीमेंट में सामान्य मिट्टी मिलाकर योजना का काम किया गया। इस कारण जलमीनार धराशायी हो गया। अब वार्ड की अन्य योजनाओं की गुणवत्ता सवाल के घेरे में है। एक रोचक मामला मुशहरी की प्रहलादपुर पंचायत के वार्ड 12 में देखने को मिला। मस्जिद चौक से काजी इंडा तक सड़क के चौड़ीकरण के दौरान मिट्टी की खोदाई से पता चला कि यहां तीन की जगह एक फीट अंदर ही नल-जल योजना का पाइप दिया जा रहा है। प्रशासनिक पदाधिकारी की जगह पथ निर्माण प्रमंडल-एक के कार्यपालक अभियंता ने यह गड़बड़ी पकड़ी। उदाहरण लिए जाएं तो ऐसे सैकड़ों मामले हैं, मगर कार्रवाई के नामपर अबतक कुछ नहीं। यही कारण है कि योजना में लूट का सिलसिला थम नहीं रहा। जिला पंचायती राज पदाधिकारी मो. फैयाज अख्तर ने कहा कि जो शिकायतें आ रहीं उसकी जांच कराई जा रही हैं। आगे भी जो मामले आएंगे उसकी जांच कराई जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी होगी।