पहले नेपाल ने बंद किया नाला, अब सोलर पैनल नाकाम, यहां पानी की परेशानी
बादल के कारण भिखनाठोरी में सोलर पंप नहीं कर रहा काम तीन दिन से पेयजल की दिक्कत। 500 लोगों की आबादी एक किलोमीटर दूर पंडई नदी से पानी लाकर चला रही काम।
पश्चिम चंपारण [दीपेंद्र बाजपेयी]। भारत-नेपाल सीमा पर बसे भिखनाठोरी गांव के लोग पानी की समस्या का सामना कर रहे। डेढ़ महीने पहले नेपाल ने अपनी ओर से आने वाले एक नाले को बंद कर दिया था। यह परेशानी अभी खत्म नहीं हुई कि गांव में लगा सोलर पंप भी दगा दे गया है। धूप नहीं निकलने से सोलर पैनल काम नहीं कर रहा। इससे पानी की सप्लाई बंद है।
धनौजी पंचायत के भिखनाठोरी गांव की आबादी तकरीबन 1500 है। यहां पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रशासन ने दो सोलर पंप लगाए हैं। एक पंप पंचायती राज विभाग ने लगाया था। वह छह माह से खराब है। दूसरा पंप पीएचईडी ने लगाया है। आसमान में बादल छाए रहने से सोलर पैनल काम नहीं कर रहा। इसके चलते बीते तीन दिनों से यह पंप भी बंद है। ऐसे में ग्रामीणों के सामने पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।
फिलहाल यहां के लोग एक किलोमीटर दूर पंडई नदी से पानी ला रहे हैं। उसे उबालकर पीते हैं। कृष्णमोहन कुमार ने बताया कि नेपाल की ओर से बंद नाला अभी तक खुलवाया नहीं जा सका है। उसके पानी से सिंचाई के अलावा बर्तन व कपड़ा धोने का काम होता था। अब नई समस्या खड़ी हो गई है। मोतीलाल पासवान ने बताया कि पीएचईडी के अधिकारियों को सूचित किया गया है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई।
टैंकर की व्यवस्था भी बंद
भिखनाठोरी में टैंकर से भी पानी की आपूर्ति की व्यवस्था का आदेश है। ग्रामीण दयानंद सहनी कहते हैं कि पीएचईडी के अधिकारी कहते हैं कि रास्ता ठीक नहीं है। इस वजह से पानी का टैंकर नहीं भेजा जा रहा है। गांव के लोग तीन किमी दूर नेपाल के ठोरी पहाड़ से निकली नदी से भी पानी लाते हैं। उसे अमृतधारा कहते हैं। धन्नो देवी कहती हैं कि कोरोना वायरस को लेकर सीमा सील है। इस वजह से वहां से भी पानी नहीं ला पा रहे। धनौजी के मुखिया रामबिहारी महतो का कहना है कि पीएचईडी को अविलंब टैंकर से पानी की सप्लाई शुरू करनी चाहिए।
इस बारे में बेतिया पीएचईडी कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि बरसात के मौसम में आकाश में बादल रहने से सोलर पैनल की शक्ति कम हो जाती है। बरसात के दिनों में टैंकर से पानी सप्लाई का आदेश नहीं है। लेकिन, समस्या देखते हुए सप्लाई पर विचार किया जा रहा है।