बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान के पार, मुजफ्फरपुर शहर पर बढ़ा दबाव Muzaffarpur News
बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.66 मीटर पर पहुंच गया है। मीनापुर कांटी मुशहरी मुरौल प्रखंड में बढ़ाई गई सतर्कता।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बूढ़ी गंडक खतरे का निशान पार कर गई है। जलस्तर में वृद्धि होने से शहर पर दबाव बढ़ गया है। मीनापुर, कांटी, मुशहरी, मुरौल प्रखंड में दर्जनों जगहों पर दबाव देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है। इधर, बांध पर रात की पाली में होमगार्ड के जवान के ड्यूटी से गायब रहने की शिकायत कार्यपालक अभियंता ने वरीय अधिकारी से की है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.66 मीटर पर पहुंच गया है। खतरे का निशान 52.53 मीटर पर चिह्नित है। कार्यपालक अभियंता अबरार अरशद ने बताया कि पानी का दबाव है। लेकिन, अभी बांध पर कोई खतरा नहीं है।
रेलवे एप्रोच पथ बनाने की उठी मांग
वैशाली सांसद वीणा देवी ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर पीडि़तों की सुधि ली। मिठनसराय में चल रहे आदर्श शिविर का निरीक्षण कर राहत वितरण का जायजा लिया। समाजसेवी अरुण पाण्डेय ने बताया कि रेलवे का एप्रोच पथ अगर बन जाए तो बाढ़ आपदा में गांव का सड़क संपर्क भंग नहीं होगा। अभी अंडरपास पर छह फीट पानी चल रहा है।
सांसद ने कहा कि वह पहल करेंगी। रेलवे के वरीय अधिकारियों से मिलकर पथ बनाने का आश्वासन दिया। लस्करीपुर के मुखिया इन्द्रमोहन झा, पैगम्बरपुर-कोल्लुआ की मुखिया गीता देवी के प्रतिनिधि वकील सहनी ने बताया कि राहत शिविर शुरू होने से पीडि़तों को मदद मिल रही है। लेकिन, जो लोग अभी भी गांव में हैं, उनको सूखा राशन मिलना चाहिए। चाणक्य विद्यापति सोसायटी के संरक्षक शंभूनाथ चौबे ने कहा कि प्रशासन की मदद से शिविर चल रहा है, लेकिन राहत में तेजी लाने की जरूरत है। समाजसेवी गोपाल सिंह ने बताया कि एक बैंक का शिविर खोला गया है। जिनके पास अपना खाता नहीं हो, वे खाता खोल लें ताकि राहत राशि मिलने में परेशानी नहीं हो। शिविर प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि शिविर में बच्चों के लिए स्कूल के साथ दवाएं भी दी जा रही हैं।