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Muzaffarpur News: कटौझा में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान के पार, रतवारा चौर में फैला लखनदेई का पानी

मुजफ्फरपुर में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी। बूढ़ी गंडक का जलस्तर रहा स्थिर गंडक के जलस्तर में आई गिरावट। वहीं रतवारा चौर में फैला लखनदेई का पानी धान की फसल बर्बाद।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 07:10 AM (IST)
Muzaffarpur News: कटौझा में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान के पार, रतवारा चौर में फैला लखनदेई का पानी
Muzaffarpur News: कटौझा में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान के पार, रतवारा चौर में फैला लखनदेई का पानी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गुरुवार को नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। बागमती के जलस्तर में एक बार फिर वृद्धि शुरू हो गई है। जबकि, बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर रहा। वहीं, गंडक के जलस्तर में हल्की गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को बागमती का जलस्तर औराई के कटौझा में खतरे के निशान को पार कर गया। कटौझा में जलस्तर  54.38 मीटर दर्ज किया गया। जबकि, सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बुधवार की तरह 52.53 मीटर पर स्थिर रहा। गंडक नदी का जलस्तर रेवाघाट में 0.4 सेमी कमी के साथ 53.27 मीटर दर्ज किया गया। 

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जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम बाढ़ की स्थिति और तटबंधों पर नजर बनाए हुए है। अभियंताओं की टीम कटरा, औराई, मीनापुर और साहेबगंज के इलाकों में कैंप कर रही है।

रतवारा चौर में फैला लखनदेई का पानी, धान की फसल बर्बाद 

औराई  प्रखंड के छोटकी सिमरी में लखनदेई नदी के टूटे पूर्वी तटबंध से नदी का पानी चंडिहा, सिमरी के रास्ते रतवारा व रामपुर चौर में फैलने लगा है। इससे  सिमरी, ससौली, रामपुर, चंडीहा, रतवारा, भलूरा, बिस्था, धसना, बैगना समेत दर्जनों गांवों के हजारों हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल नहीं हो सकेगी। किसान अंजनी राय, बाबर अलीमी, रामपुकार राय ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण वर्षों से टूटे तटबंध की मरम्मत नहीं होती है जिससे किसानों को लगातार नुकसान सहना पड़ रहा है।

 चंडिहा के अमजद जमाली ने बताया कि नदी का पानी बहने से चंडीहा से सिमरी बाजार जाने वाली सड़क का संपर्क टूट गया है। विदित होकि लखनदेई नदी के टूटे आधा दर्जन तटबंधों की मरम्मत के लिए चार माह से मुखिया संघ अध्यक्ष अनमोल ठाकुर, जिला पार्षद सुजाता किंकर, समाजसेवी  ई. अखिलेश यादव, दीनबंधु क्रांतिकारी, आफताब आलम ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर दिया था, मगर इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे किसानों को भारी क्षति का सामना करना पड़ेगा।


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