West Champaran: बगहा के कोविड अस्पताल में चिकित्सक-कर्मियों के इंतजार में मरीज परेशान
कोविड अस्पताल में भगवान भरोसे मरीज चिकित्सक-कर्मियों का इंतजार-कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में स्थापित है कोविड केयर अस्पताल कुल 14 मरीज हैं भर्ती विरमित किए जाने के बावजूद कई चिकित्सक-कर्मियों ने नहीं किया योगदान
पश्चिम चंपारण, जासं। इतिहास गवाह रहा है कि जब जब आपदा की घड़ी आई है। हमने साथ मिल डंटकर मुकाबला किया है। बानगी बीते साल कोरोना के पहले स्ट्रेन को लिया जा सकता। तय है संकट के बादल छंटेंगे, सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ेगी्, स्कूल-कॉलेज गुलजार होंगे। इस विकट घड़ी में चिकित्सक-कर्मियों की महत्ता बढ़ जाती है। जिस दृढ़ता व मनाेबल के साथ चिकित्सक-कर्मी काम कर रहे, उसकी जितनी सराहना की जाए, कम है। हालांकि, कुछ की लापरवाही के कारण व्यवस्था बेपटरी हाे तो फिर बाद में शायद न समाज न वे खुद को माफ कर सकें।
दरअसल, अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड वाला कोविड केयर अस्पताल स्थापित किया गया है। जीएनएम कॉलेज में स्थापित इस अस्पताल में फिलहाल 14 मरीज इलाजरत हैं। मुकम्मल केयर के लिए पर्याप्त चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता है। बावजूद इसके, प्रशासनिक तंत्र इसकी व्यवस्था नहीं कर पाया है। बढ़े संकट को देखते हुए चिकित्सा पदाधिकारी, आयुष चिकित्सक, जीएनएम व एएनएम को तत्काल प्रभाव से अपनी सेवा देने का आदेश असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (डीसीएमओ) अनिल कुमार सिन्हा ने 24 अप्रैल को दिया। कोविड संक्रमितों का इलाज बाधित न हो इसके लिए अनुमंडल के सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी कार्य तत्काल स्थगित कर दिया गया। कोविड केयर अस्पताल में बगहा एक, रामनगर, मधुबनी के चिकित्सक-कर्मियों ने योगदान दे दिया। लेकिन, शहरी पीएचसी , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटांड़ के अधीन कार्यरत एपीएचसी के चिकित्सक-कर्मियों ने अबतक योगदान नहीं किया। जिससे डीसीएचसी में डॉक्टरों व कर्मियों की कमी बनी हुई है।
बगहा दो से चार चिकित्सक व चार कर्मी विरमित :-
अनुमंडलीय अस्पताल में स्थापित कोविड केयर अस्पताल के लिए बगहा दो से चार चिकित्सक व चार कर्मियों को पहली मई काे विरमित कर दिया गया। जिन चिकित्सकों को विरमित किया गया उनमें डाॅ. निशिकांत कुमार, डॉ. अफजल आलम, डॉ. धर्मप्रकाश गुप्ता और डॉ. राजेश कुमार अवस्थी शामिल हैं। इसके अलावा ओजैर अहमद, चांद मोहम्मद, मो. हसनैन और सुनील कुमार राम शामिल हैं। हालांकि अब तक किसी ने डीसीएचसी में योगदान नहीं किया है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.राजेश सिंह नीरज ने कहा कि योगदान नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा होगी।
- 24 अप्रैल को ही योगदान का आदेश जारी हुआ। अब तक बगहा दो से किसी ने योगदान नहीं किया है। योगदान न देने वाले चिकित्सकों व कर्मियों की जानकारी डीएम, सीएस,एसडीएम व डीएसएलआर को मेल के माध्यम से दे दी गई है। संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सकों व कर्मियाें को प्राथमिकता के आधार पर योगदान देना चाहिए। ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े।
- डॉ. केबीएन सिंह, प्रभारी उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल