वीटीआर की अब ड्रोन से हागी निगरानी, जानवरों के हर मूवमेंट पर रहेगी नजर
जंगल में बाढ़ का पानी घुसने व जानवरों के बाहर निकलने की आशंका में लिया गया यह निर्णय। ड्रोन से तस्करों की गतिविधियों का भी पता चलेगा सात किलोमीटर रेंज तक हो सकती है निगरानी।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) में अब ड्रोन कैमरे से निगरानी की जाएगी। जानवरों के मूवमेंट पर नजर रखी जाएगी। जंगल में बाढ़ का पानी घुसने और जानवरों के बाहर निकलने की आशंका को लेकर यह निर्णय किया गया है। हालांकि, पिछले दिनों नाव से गश्ती शुरू हुई थी, लेकिन अब ड्रोन से नजर रखी जाएगी। वीटीआर के मदनपुर में एक कैमरा एक्टिव है। इसकी रेंज सात किलोमीटर है। इसकी मॉनीटरिंग मदनपुर रेंज कार्यालय से हो रही है।
वीटीआर में जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर पहले से ही ड्रोन कैमरा लगाने की योजना है। लेकिन, गंडक नदी का जलस्तर बढऩे से बाढ़ भी चुनौती साबित हो रही है। वीटीआर के चुलभा, भेडि़हारी व मदनपुर में पानी घुस गया है। इसमें जंगली जानवरों के बाहर निकलने का खतरा है। तस्कर और शिकारी भी नजर लगाए सक्रिय हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय ने संबंधित अधिकारियों को ड्रोन कैमरा लगाने का निर्देश दिया है।
लगाए जाएंगे और ड्रोन कैमरे
बिहार के एकलौते टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए चार और ड्रोन कैमरे लगाए जाएंगे। इसे वाल्मीकिनगर व गोवद्र्धधना रेंज में लगाने की योजना है। उच्चाधिकारियों की विभाग से बात चल रही है।
वीटीआर वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा का कहना है कि जानवरों की सुरक्षा को देखते हुए एक ड्रोन कैमरा लगाया गया है। जल्द ही और लगाए जाएंगे। नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से बाढ़ में बहकर गंडक के रास्ते जानवरों के आने की सूचना है। वीटीआर के जानवरों के भी बाहर निकलने का खतरा है। कैमरा लग जाने से उनकी गतिविधियों के बारे में पता चल जाएगा।