West Champaran : बाघों के संरक्षण व प्रबंधन में देश के 14 टाईगर रिजर्व में शामिल हुआ वीटीआर
यह सम्मान पाने वाला वीटीआर देश के 14 टाईगर रिजर्व में से शामिल है। बाघों के विशेषज्ञों के द्वारा बनाई गई सीएटीएस संस्था के अनुशंसा पर दिया गया है। इस क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए दिया गया है यह सम्मान।
पश्चिम चंपारण, जासं। वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष्य के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। विश्व बाघ दिवस पर केन्द्रीय वन एवं पर्यारण मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक समारोहण के दौरान ऑन लाइन रूप से बाघों के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए वीटीआर को सम्मानित किया है। यह सम्मान पाने वाला वीटीआर देश के 14 टाईगर रिजर्व में से शामिल है। बाघों के विशेषज्ञों के द्वारा बनाई गई सीएटीएस संस्था के अनुशंसा पर दिया गया है। कंजर्वेशन आफॅ एश्योर्ड टाईगर स्टैंडर्ड के नाम से जाने जाने वाली संस्था में बाघ विशेषज्ञों को शामिल किया गया है, जो देश में 51 टाईगर रिजर्व में बाधों के संरक्षण एवं प्रबधन की दिशा में बेहतर काम करने वाले को देता है। यह सम्मान पाने के बाद अब वीटीआर को बाघों की सुरक्षा, संरक्षण व प्रबंधन की दिशा में संस्था के विशेषज्ञों से सहयोग भी मिलेगा।
इस अवसर पर वीटीआर के मदनपुर में क्षेत्र निदेशक एचके राय सहित अन्य वरीय पदाधिकारी व कर्मी दिल्ली से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। क्षेत्र निदेशक श्री राय ने बताया कि यह सम्मान पाने वालों में 13 अन्य टाइगर रिजर्व में अनामलाइ टाईगर रिजर्व, बांदीपुर टाईगर रिजर्व, मुदुमलाई टाईगर रिजर्व, मनास टाईगर रिजर्व, पेंच टाईगर रिजर्व, काजीरंगा टाईगर रिजर्व,ओरेंज टाईगर रिजर्व, सुंदरबन टाईगर रिजर्व, कान्हा टाईगर रिजर्व, पाराम्बिकुलम टाईगर रिजर्व, सतपुरा टाईगर रिजर्व और पाना टाईगर रिजर्व के नाम शामिल हैं।
बेहर कार्य करने के लिए वीटीआर के डाटा एनालिस्ट मोहम्मद आरीफ को मिला बाघ रक्षक सम्मान
बेहतर कार्य करने के लिए एनटीसीए ने वीटीआर के डाटा एनालिस्ट मोहम्मद आरीफ को बाघ रक्षक सम्मान दिया है। उन्हें भी यह सम्मान ऑन लाइन रूप से दिया गया है। क्षेत्र निदेशक ने बताया कि मंगुराहां वन प्रक्षेत्र, डीविजन एक में पदस्थपित श्री आरीफ बाघों की गणना में सराहनीय भूमिका अदा की है। इसके अलावा बाघों, चिता, गेंडा, तेंदुआ, सांप, चिड़िया आदि के रेस्क्यू ऑपरेशन में भी उनके द्वारा समय समय पर महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। उक्त बाघ रक्षक के द्वारा वन जीवों को चिह्नित करने के लिए साइन सर्वे मेथड, एनिमल विहैवियर मेथड और कैमरा ट्रैपिंग मेथड में बेहतर किया है। इसके अलावा हाल में मोतिहारी से भटके बाघ को वीटीआर में लौटाने के काम में उनके द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है।