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जैव विविधता का पर्याय बना VTR, हर तरह के वन्यजीवों के लिए है उपयुक्त... West Champaran News

World Wildlife Day बिहार के पश्चिम चंपारण में है वाल्मीकि टाइगर रिजर्व। 900 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैला है अभ्यारण्य। वीटीआर में बाघों के दीदार के लिए पहुंच रहे हैं पर्यटक।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:56 PM (IST)
जैव विविधता का पर्याय बना VTR, हर तरह के वन्यजीवों के लिए है उपयुक्त... West Champaran News
जैव विविधता का पर्याय बना VTR, हर तरह के वन्यजीवों के लिए है उपयुक्त... West Champaran News

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वीटीआर में बीते कुछ सालों में वन्यप्राणियों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। बताते चलें कि बीते कुछ  सालों में 20 से 25 प्रतिशत तक वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ी है जिसमें सबसे ज्यादा शाकाहारी वन्यप्राणी शामिल हैं। इसकी वजह विभाग की मुस्तैदी और मानवीय दखल समाप्त होना बताया जा रहा है। वर्ष 1994 में स्थापित वीटीआर में हजारों की तादात में वन्यप्राणी हैं। अभयारण्य करीब 900 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है।

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 जानवरों की प्यास बुझाने के लिए कई बड़े तालाबों के अलावा क्षेत्र की जीवनदायनी नदी गंडक एक बड़े हिस्से में पानी की कमी को पूरा करती है। यहां बाघ, तेंदुआ, लकड़बग्घा, लोमड़ी, भालू, हिरण, नीलगाय, सियार, जंगली कुत्ता, सांभर, चीतल तथा कई अन्य वन्य जीव इस क्षेत्र में पाए जाते हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार वीटीआर में तेंदुए की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि चीतल, हिरण, जंगली सूअर एवं भालू की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा।

हर तरह के वन्यजीवों के लिए उपयुक्त है वीटीआर

भौगालिक व प्राकृतिक ²ष्टि से वीटीआर बाघों व तेंदुए के अलावा हर तरह के वन्यजीवों के लिए उपयुक्त स्थान है। यही कारण है कि जंगलों में मानवीय दखल कम होने के कारण वीटीआर  में वन्यप्राणियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। घास के मैदान विकसित किए गए हैं। इस बाबत व्याघ्र परियोजना के सीएफ हेमकांत राय ने बताया कि  हम वीटीआर को और बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वनों व वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए विभाग तत्पर है। वीटीआर में मानवीय दखल कम होने से वन्यप्राणियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। घास के मैदान का दायरा बढ़ाया गया है। जिससे वन्यजीवों को एक सुरक्षित माहौल मिला है। 

बाघों के दीदार के लिए पहुंच रहे सैलानी

वीटीआर में बाघों के दीदार के लिए पर्यटक पहुंच रहे। बीते दो महीने में रिकार्ड सैलानी पहुंचे हैं। वीटीआर में प्राकृतिक रुप से अंगड़ाते, इठलाते व चलते हुए बाघों को देखना सैलानियों के लिए एक अनोखा अनुभव होता। यहां जिप्सी पर सवार होकर दुर्लभ वन्यजीव को देखना और उसका फोटो खींचना भी पर्यटकों को खासा रोमांचित करता है। इस समय मौसम सही होने के कारण अन्य वन्यजीवों के साथ साथ बाघ के दीदार बराबर हो रहे हैं। वर्तमान में मौसम में अचानक परिवर्तन हो जाने के चलते अनुकूल स्थिति बन गई है। इसीलिए इस समय वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में भ्रमण के लिए आ रहे पर्यटकों को बाघ के खूब दर्शन हो रहे। 


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