सूचना के अधिकार से जनहित कार्य के राह के रोड़े हटा रहे विष्णुदेव
500 से अधिक सूचनाएं आरटीआइ के माध्यम से अब तक मांग चुके हैं विष्णुदेव भंडारी। आरटीआइ के तहत जानकारी मांगने के बाद सांसद विकास निधि के रुके हुए कई विकास कार्य पूरे हुए।
मधुबनी, [विनय पंकज]। आरटीआइ कार्यकर्ता विष्णुदेव भंडारी सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून का लोकहित में बेहतर उपयोग कर रहे हैं। वे इसे हथियार बना फंसे या अधूरे कार्य को पूरा होने में आने वाली परेशानियों को दूर करते हैं। सूचना के अधिकार कानून को मिशन बना चुके लदनियां प्रखंड स्थित नोनदरही निवासी भंडारी अब तक करीब 500 से अधिक सूचनाएं मांग चुके हैं। इनमें 60 से अधिक मामलों का निष्पादन भी हुआ है।
अनेक मामलों को किया उजागर
विष्णुदेव विभिन्न विभाग के कार्यकलापों की सत्यता सामने लाने को संघर्षरत हैं। इसमें उन्हें सूचना के अधिकार कानून से बहुत मदद मिल रही है। खासकर लोकहित के रुके या अधूरे काम को पूरा करवाने में इस कानून से बहुत मदद मिली। नोनदरही सामुदायिक भवन इसका बड़ा उदाहरण है।
सांसद विकास निधि से बनने वाले इस भवन के निर्माण में आए दिन कोई न कोई बाधा खड़ी हो जाती और काम बंद। भंडारी ने जब आरटीआइ का सहारा लिया तो इसके मार्ग की सभी बाधाएं दूर हो गईं और काम पूरा हुआ। क्षेत्र के लोग इसका लाभ ले रहे हैं। नोनदरही घाट पक्कीकरण के संदर्भ में भी ऐसा ही कुछ हुआ। आरटीआइ से यह मामला भी सुलझा।
60 से अधिक मामलों का निष्पादन
भंडारी के आवेदन पर 60 से अधिक मामलों का निष्पादन भी हुआ है। उनके निष्पादित एक मामले के आलोक में केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्त श्रीधर आचार्य लुलु द्वारा सांसद क्षेत्र विकास योजना, दिल्ली के डायरेक्टर को एक हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उक्त राशि आवेदक को दिए जाने की अनुशंसा की गई थी।
इस मामले की सुनवाई स्थानीय समाहरणालय के वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग कक्ष के माध्यम से हुई थी। उनकी ओर से मांगी गई जानकारी ससमय उपलब्ध नहीं कराने या अनियमितता उजागर होने पर जिले के करीब आधा दर्जन मामलों में प्रखंड विकास पदाधिकारियों को आर्थिक जुर्माना लगाया जा चुका है।
लोगों को कर रहे जागरूक
सूचना का अधिकार कानून कैसे लोगों की जिंदगी को बदल सकता है। इसने कैसे लोगों को सशक्त बनाया है। विष्णुदेव भंडारी इस बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। संगोष्ठियों के माध्यम से सूचना के अधिकार के प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी विभाग से सूचनाएं मांगना हमारा अधिकार है। आमजनों के लिए यह कानून कारगर साबित हो रहा है। हालांकि उन्होंने इसके पालन में पारदर्शिता बरतने की सलाह दी है। कहा कि कई योजनाओं में अनियमितता उजागर होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होना ङ्क्षचता का विषय है। आरटीआइ को जनहित में प्रयोग करने वालों के लिए उन्होंने कहा कि बिना किसी भी प्रकार के प्रलोभन व दबाव में आए इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने से घबराना नहीं चाहिए।