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मधुबनी जिले में खाद कालाबाजारी के विरुद्ध ग्रामीणों ने एनएच जाम कर किया प्रदर्शन

Madhubani Newsखाद विक्रेताओं व कृषि विभाग के खिलाफ की नारेबाजी लगाया मिलीभगत का आरोप करीब चार घंटों तक बाधित रहा आवागमन पुलिस व बीईओ के आश्वासन पर हटा जाम किसान जब खाद लेने जाते हैं तो दुकानदार यह कहकर वापस कर देते हैं कि खाद नहीं है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 12 Jan 2022 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jan 2022 05:32 PM (IST)
मधुबनी जिले में खाद कालाबाजारी के विरुद्ध ग्रामीणों ने एनएच जाम कर किया प्रदर्शन
खाद कालाबाजारी करने वालों के ख‍िलाफ प्रदर्शन। फोटो-जागरण

मधुबनी,( हरलाखी) जासं। हरलाखी प्रखंड अंतर्गत पिपरौन गांव के ग्रामीणों ने खाद कालाबाजारी के विरोध में एनएच 104 को जाम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान ग्रामीणों ने खाद विक्रेताओं एवं कृषि विभाग के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों ने खाद विक्रेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को खाद नहीं मिल रहा और दुकानदार खाद की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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किसान जब खाद लेने जाते हैं तो दुकानदार यह कहकर वापस कर देते हैं कि खाद नहीं है। जबकि, तस्करी के इरादे से खाद लेने पहुंचने वालों को खाद आसानी से उपलब्ध करा दी जाती है। इससे आम किसान परेशान हैं। उनकी खेती प्रभावित हो रही है। किसानों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है। सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिघीया टोला के ग्रामीण मुकेश कुमार, संतोष कुमार व भाग्य नारायण समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि किसानों को जब खाद नहीं मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में खेती करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। जबकि, कालाबाजारी करने वाले लोग खाद की तस्करी कर नेपाल खाद बेच रहे हैं और मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी शिकायत कृषि पदाधिकारियों को करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।

विभाग ऐसी शिकायतों पर मौन धारण किए हुए है। विभागीय मिलीभगत के कारण ही किसानों को ऊंची कीमत पर खाद बेची जाती है। सड़क जाम की सूचना मिलते ही हरलाखी थाना के एएसआइ पीके ङ्क्षसह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को आश्वासन देकर सड़क जाम हटाया। उसके बाद बीएओ नौशाद अहमद ने वहां पहुंचकर लोगों को समझाया और खाद दुकानदारों को निर्धारित मूल्य पर खाद वितरण शुरू करने का भी आदेश दिया। इस दौरान करीब चार घंटों तक सड़क पर आवागमन बाधित रहा। वहीं, दुकानदारों ने बताया कि किसानों के बीच खाद वितरण करने में कभी कोई दिक्कत नहीं आ रही है। उनका कहना है कि तस्करी करने वाले लोग किसान बनकर बार-बार खाद खरीदकर कालाबाजारी करते हैं। जिससे स्टॉक में खाद कम पड़ जाता है।


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