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वीटीआर से निकलकर गांव के खेत में फिर पहुंचा बाघ, दहशत में ग्रामीण

रिहायशी इलाके में चहलकदमी करता एक बाघ रामनगर के सरहटवा गांव खेत में पंहुच गया। खेत में गन्ने की सिंचाई कर रहे दो मजदूरों ने बाघ को देखा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:19 PM (IST)
वीटीआर से निकलकर गांव के खेत में फिर पहुंचा बाघ, दहशत में ग्रामीण
वीटीआर से निकलकर गांव के खेत में फिर पहुंचा बाघ, दहशत में ग्रामीण

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वीटीआर जंगल से निकल कर एक बाघ फिर रामनगर प्रखंड के सरहटवा गांव के सरेह में पहुंच गया। रिहायसी इलाके में चहलकदमी करता एक बाघ रविवार की रात को रामनगर के सरहटवा गांव खेत में पंहुच गया। खेत में गन्ने की सिंचाई कर रहे दो मजदूरों ने बाघ को देखा। मजदूर सुमन यादव व संतोष यादव ने बताया कि रात में गन्ने की सिचाईं कर रहे थे। खेत में मचान बना हुआ है। उसी पर चढ़कर सो रहे थे। अचानक बाघ के दहाडऩे की आवाज सुनाई दी।

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   नींद खुली तो बाघ मचान के नीचे खड़ा था। हालांकि दस मिनट के बाद बाघ फिर गन्ने के खेत में घुस गया। सुबह में दोनों भाग कर गांव में आए। गांव के लोगों को जानकारी दी। उसके बाद दर्जनों ग्रामीण खेत में गए। मचान के समीप बाघ का स्पष्ट पग मार्क मिला। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना गोबर्धना वन विभाग को दी जहां रेंजर मानवेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सरहटवा गांव के ग्रामीणों ने बाघ के चहलकदमी की सूचना दी है।

   खजुरिया व सरहटवा गांव के बीच सरेह में वनकर्मियों को बाघ के गतिविधि पर नजर रखने के लिए भेजा गया है। अभी तक बाघ का पगमार्क नहीं मिला है। संभव है कि पिछले माह में बाघ उस इलाके में डेरा डाले हुए थे। इस वजह से भी भयभीत मजदूरों को लगा होगा कि बाघ आया है। वैसे, निगरानी के लिए वनकर्मियों की टीम को लगाया गया है।

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