मुजफ्फरपुर नगर निगम की राजनीति में फिर से विजेंद्र चौधरी की एंट्री, जानें पर्दे के पीछे का खेल
पूर्व महापौर समीर कुमार विमला देवी तुलस्यान व वर्षा सिंह को मेयर बनाने में भी विधायक की रही अहम भूमिका। 2017 में सुरेश कुमार को महापौर बनाने का श्रेय दिनेश सिंह और समीर कुमार को मिला था विजेंद्र हो गए थे बाहर।
मुजफ्फरपुर, जासं। चार साल के वनवास के बाद नगर विधायक विजेंद्र चौधरी एक बार फिर नगर निगम के किंग मेकर बन गए हैं। राकेश कुमार की जीत में उनकी अहम भूमिका थी। महापौर की कुर्सी मिलते ही राकेश ने सबसे पहले नगर विधायक के आवास पर जाकर उनसे आशीर्वाद लिया।
विजेंद्र चौधरी 2002 से लगातार डेढ़ दशक तक नगर निगम की राजनीति के किंग मेकर थे। 2002 में समीर कुमार, 2007 में विमला देवी तुलस्यान व 2012 में वर्षा सिंह को महापौर बनाने में उनकी भूमिका थी। 2017 में सुरेश कुमार को मेयर बनाने का श्रेय विधान पार्षद दिनेश सिंह और पूर्व महापौर समीर कुमार को मिला था। साथ होने के बाद भी विजेंद्र चौधरी को यह श्रेय नहीं मिला और उनको निगम की राजनीति से वनवास को बाध्य कर दिया था। जब से वह निगम की राजनीति से दूर थे। हालांकि उन्होंने 2019 में सुरेश कुमार को दोबारा महापौर बनाने में भूमिका निभाई, लेकिन निगम में उनका हस्तक्षेप नहीं चल पाया। अविश्वास प्रस्ताव में सुरेश कुमार की हार में नगर विधायक और उप महापौर मानमर्दन शुक्ला के गठबंधन ने अहम भूमिका निभाई। राकेश कुमार की जीत में एक बार फिर उन्होंने अहम भूमिका निभाई है और वे फिर से निगम के किंग मेकर बन गए हैं।
शहर के विकास के लिए महापौर को देंगे पूरा सहयोग : विधायक
मुजफ्फरपुर : नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा है कि साढ़े चार साल में नगर निगम विकास की पटरी से उतर गया था। अब वे उसे ठीक करने के लिए निगम में पूरा समय देंगे। महापौर राकेश कुमार अच्छा काम करेंगे तो वे उनका सहयोग करेंगे। उनके निगम में नहीं जाने से सारा काम खराब हो गया था अब फिर से उसे ठीक करेंगे। उन्होंने सांसद, पूर्व मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों को शहर के विकास के लिए आगे आकर नगर निगम व महपौर का सहयोग करने की अपील की है।