Muzaffarpur: श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चार लाख गांव तक पहुंचेगी विहिप
मिलिंद परांडे ने कहा तीन से साढ़े तीन वर्ष में मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित हो जाएंगे रामलला। मंदिर समर्पण निधि अभियान में देश के 11 करोड़ परिवार से सहयोग लेने का लक्ष्य। उत्तर बिहार में 20000 और दक्षिण बिहार में 15000 गांवों तक पहुंचना है।
मुजफ्फरपुर, जासं। अयोध्या में बनने वाला भव्य श्रीराम मंदिर भक्ति और आस्था ही नहीं राष्ट्रीय स्वाभिमान और अस्मिता से भी जुड़ा है। यही कारण है कि इसके निर्माण में देश की सभी जाति-बिरादरी के लोगों को जोड़ा गया है। इसके लिए पहला गैर राजनीतिक जनसंपर्क अभियान चलाया गया। देश के चार लाख घरों और 11 करोड़ परिवार तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया। उत्तर बिहार में 20000 और दक्षिण बिहार में 15000 गांवों तक पहुंचना है। मकर संक्रांति से शुरू श्रीराम मंदिर समर्पण निधि अभियान माघी पूर्णिमा 27 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। इन सात दिनों में इस लक्ष्य को पूरा करना है। ये बातें विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कही।
छह एकड़ क्षेत्र में मंदिर निर्माण कार्य शुरू
उन्होंने कहा कि अभियान को लेकर देश के कई हिस्सों तक वे गए। सभी जगह का अनुभव अच्छा रहा। गरीब से लेकर अमीर इसमें मदद कर रहे। अयोध्या में छह एकड़ क्षेत्र में मंदिर निर्माण कार्य शुरू है। तीन-साढ़े तीन वर्षों में रामलला गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। इसके अलावा 64 एकड़ जमीन मंदिर से जुड़े अन्य कार्य के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस निर्माण में मदद के लिए 10, 100 और एक हजार के कूपन हैं। इसके अलावा ऑनलाइन भी समर्पण राशि दी जा सकती है। भारत सरकार ने इसे कर से मुक्त रखा है। प्रेसवार्ता के दौरान विहिप के प्रांत अध्यक्ष कृष्णदेव, क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल, श्रीराम मंदिर अभियान के उत्तर बिहार प्रांत अभियान प्रमुख राजकिशोर सिंह, महानगर अभियान प्रमुख कृष्णमुरारी भरतिया, प्रचार प्रमुख प्रभात कुमार, नीरज सिंह, वैशाली अभियान प्रमुख प्रकाश, महानगर प्रचारक अनिश कुमार आदि मौजूद थे।