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ठंड बढ़ने से सब्जी और केले की खेती को भारी नुकसान

करैली नेनुआ खीरा तरबूज ङ्क्षभडी आदि की फसल को जमने व लेकर आगे भी नुकसान होने की संभावना है। वहीं दलहन व तेलहन की फसल जैसे मसूर मटर खेसारी अरहर सहित तोरी सरसों आदि फसलों को नुकसान होने लगा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 03:48 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 03:48 PM (IST)
ठंड बढ़ने से सब्जी और केले की खेती को भारी नुकसान
मौसम की की वजह से केले की खेती करने वाले किसान परेशान हैं।

पश्चिम चंपारण, जासं । पिछले एक पखवारे से पूरा क्षेत्र शीतलहर और कोहरे की चपेट में है। आम जनजीवन के साथ फसलों को भी इससे खासा नुकसान पहुंचा है। पाला पडऩे से कई किसानों क खेतों में केला व आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में है। हालांकि इसके अलावा सब्जी की अन्य फसलें भी प्रभावित हैं। जिसमें टमाटर, बैगन, मटर, आदि की फसलों पर इसका काफी नुकसान दायक असर पड़ रहा है। करैली, नेनुआ, खीरा, तरबूज, ङ्क्षभडी, आदि की फसल को जमने व लेकर आगे भी नुकसान होने की संभावना है। वहीं दलहन व तेलहन की फसल जैसे मसूर, मटर, खेसारी, अरहर सहित तोरी, सरसों आदि फसलों को नुकसान होने लगा है। हालांकि लाही का असर अब दिखने लगा है। जिसका सबसे अधिक प्रभाव सरसों व तोरी पर पड़ता है। जानकारों का मानना है कि क्षेत्र में लगाए गए सरसो में एक चौथाई पर लाही का प्रभाव दिखने लगा है। अगर ठंड व शीतलहर की स्थिति ऐसी ही रही तो एक से दो दिन के अंदर इसका प्रकोप आधा फसल पर हो जाएगा। जिसका सीधा असर किसानों को नुकसान के रूप में झेलना पड़ेगा। 

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कौन-कौन सी फसल पर मौसम का प्रभाव 

: नरकटियागंज स्थित केवीके के अध्यक्ष सह कृषि वैज्ञानिक डा. आरपी ङ्क्षसह ने कहा कि वर्तमान में चल रहे मौसम की मार से सबसे अधिक सब्जी की खेती प्रभावित होती है। एक मात्र गोभी की प्रजाति छोड़कर हर प्रकार की सब्जी के फसल को ठंड व पाला से नुकसान होता है। जिसमें मटर, टमाटर, आलू, बैगन, के साथ अगाती खेती में करैला, नेनुआ, ङ्क्षभडी, कद्दू, आदि के साथ दलहन व तेलहन यथा सरसो, तोरी, मसूर, मटर, बकला आदि भी इसके चपेट में आ जाते हैं। जिससे बचने के लिए उन्होंने बताया कि फसलों के किनारे शाम में घास फूस आदि का धुआं जलाने के साथ सुबह में ङ्क्षसचाई करना आवश्यक है। इसके अलावा उसमें समय समय पर छिड़काव भी करना आवश्यक है ताकि पाला के प्रभाव को कम किया जा सके। 

कितने रकबे में की गई है खेती 

- सब्जी की खेती के लिए बगहा अनुमंडल में सैकड़ों किसानों के द्वारा क्षमता अनुसार खेती की गई है। जिसमें अगर बगहा दो प्रखंड के लक्ष्मीपुर रवारमपुरवा पंचायत की बात करें तो करीब दर्जनों हेक्टयेर फसल नुकसान हो गई है।

 कितना प्रभावित : अब तक के आंकड़ों के अनुसार हर क्षेत्र में एक चौथाई से अधिक फसल नुकसान होने की स्थिति में पहुंच गया है। ठंड भी लगातार अपना असर दिखाए जा रहा है।  

रमपुरवा के किसान राजू राम ने कहा कि पहले तो हम लोगों को बाढ़ से परेशानी हुई। उसकी मार से बचने के बाद उबरते हुए सब्जी की खेती प्रारंभ किया तो अब ठंड के रूप में मौसम की मार झेलने को विवश हैं।


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