Move to Jagran APP

पटोरी से भी जुड़ी हैं वशिष्ठ बाबू की यादें जेपीएस के प्रागण में गुजारे थे छह घटे

हाथों में कलम कॉपी व बांसुरी लेकर ही किया था कार्यक्रम का उद्घाटन। जेपीएस के प्रांगण में गुजारे थे छह घंटे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:49 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:49 AM (IST)
पटोरी से भी जुड़ी हैं वशिष्ठ बाबू की यादें जेपीएस के प्रागण में गुजारे थे छह घटे
पटोरी से भी जुड़ी हैं वशिष्ठ बाबू की यादें जेपीएस के प्रागण में गुजारे थे छह घटे

शाहपुर पटोरी (समस्तीपुर),दीपक प्रकाश।

loksabha election banner

नौ फरवरी 2014 की दोपहर। पटोरी की समीपवर्ती सीमा पर स्थित जेपीएस विद्यालय का प्रांगण महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह (विज्ञानी बाबू) की अगवानी के लिए सज-धजकर तैयार था। विद्यालय परिसर में मौजूद लोग उस महान गणितज्ञ की एक झलक पाने को बेताब थे, जिनके ज्ञान और बुद्धि का लोहा विश्व मान चुका था। हाथ में एक कॉपी, एक बांसुरी तथा कलम लिए जब उनका पदार्पण हुआ तो धरती धन्य हो गई। आइंस्टीन जैसे महान वैज्ञानिक के सापेक्षवाद के सिद्धांत को चुनौती देनेवाला वह महान गणितज्ञ लोगों के समक्ष मंच पर खड़ा था। पकी मूंछ और भौ, गाढ़े रंग का कुर्ता, ऊपर से बंडी, साथ में टोपी और शॉल भी। बैठे थे मंच पर, कितु दिमाग चितन में लीन था। शायद किसी गणित की गुत्थी सुलझा रहे हों। दीप जलाकर विद्यालय के कार्यक्रम का उद्घाटन कर दिया। फिर अपनी दुनिया में मस्त हो गए। कॉपी पर कलम से गणित के समीकरण को हल करने में तल्लीन, मानो किसी नई थ्योरी का ईजाद कर ही दम लेंगे। कभी-कभी कार्यक्रम की ओर मुखातिब होकर आनंद लेते और मुस्कुराकर बच्चों की प्रस्तुति को प्रोत्साहित करते रहे। हाथों में बांसुरी लेकर श्री कृष्ण जैसे साधक की भूमिका में मंच पर विराजमान थे। बगल में बैठे क्षेत्र के गणितज्ञ प्रो. एएन दास उनकी गतिविधियों का एकाग्रता से अवलोकन कर रहे थे। शायद उनकी भाषा समझ में आ जाए और कुछ नई चीजें सीख लें। कार्यक्रम के बाद विद्यालय के कार्यालय में आए। वहां रखे लैपटॉप के बटन को दबाकर कुछ करने का भी प्रयास किया। वहां मौजूद विद्यालय प्रशासन के डॉ. एके ठाकुर, अमित कुमार, असित कुमार आदि ने अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। उन्होंने विद्यालय के कई नवनिर्मित भवन का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उनके पांव छूने के लिए लंबी कतार लग गई थी। गुरुवार को उनके निधन की खबर मिलते ही माहौल गमगीन हो गया। लेकिन, उनकी यादें हमेशा ताजा रहेंगी। इस बारे में पटोरी के गणितज्ञ प्रो. एएन दास ने कहा कि उनके निधन से मर्माहत हूं। ऐसी विभूति के साथ कुछ पल बिताने का सौभाग्य मिला। इससे जीवन सार्थक हो गया। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.