जीरो टिलेज विधि से करें रबी फसल की खेती लाभकारी, पश्चिम चंपारण की पंचायतों में दिया जा रहा प्रशिक्षण
जीरो टिलेज मशीन से गेहूं की बुवाई दस से पंद्रह दिन पहले की जा सकती है। देर से बुवाई के कारण पैदावार में होने वाले नुकसान की भरपाई होगी। कम समय में अधिक क्षेत्रफल की बुवाई की जा सकेगी। पहली सिंचाई के बाद गेहूं के पौधे पीले नहीं पड़ते हैं।
पश्चिम चंपारण, जासं। किसानों की आय दोगुनी और खेती में लागत कम करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार संकल्पित है। इसके मद्देनजर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज द्वारा किसानों के हित में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इस परिप्रेक्ष्य में जलवायु अनुकूल कार्यक्रम के तहत जीरो टिलेज यानी शून्य जुताई विधि को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानियों द्वारा पंचायतों में पहुंचकर किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें अवगत कराया जा रहा कि जीरो टिलेज यंत्र द्वारा गेहूं समेत रबी फसलों की बुवाई काफी सहज है। वरिष्ठ विज्ञानी डॉ आरपी सिंह ने बताया कि धान-गेहूं फसल प्रणाली में अधिक पैदावार देने वाली धान की किस्में बोने से पकने में जो ज्यादा समय लेती हैं। इससे गेहूं की बुवाई समय पर नहीं हो पाती। जिससे गेहूं की पैदावार में कमी आती है। गेहूं की बुवाई 30 नवंबर के बाद करने से प्रति हेक्टेयर प्रतिदिन 25 से 30 किलोग्राम गेहूं की पैदावार में कमी आती है।
जीरो टिलेज तकनीकी से खेती के फायदे
जीरो टिलेज मशीन से गेहूं की बुवाई दस से पंद्रह दिन पहले की जा सकती है। देर से बुवाई के कारण पैदावार में होने वाले नुकसान की भरपाई होगी। कम समय में अधिक क्षेत्रफल की बुवाई की जा सकेगी। बुवाई करने पर पहली सिंचाई के बाद गेहूं के पौधे पीले नहीं पड़ते हैं तथा पूरे खेत में समान रूप से पानी लग जाता है। परंपरागत विधि की अपेक्षा इससे गेहूं की बुवाई करने से बीज का अंकुरण भी अधिक एवं दो से तीन दिन पहले हो जाता है। मृदा संरचना एवं उर्वरता बनी रहती है, जिससे गेहूं के पौधे की बढ़वार ठीक होती है। खरपतवार कम उगते हैं एवं खरपतवार नियंत्रण में लगने वाली लागत कम होती है।
एलएस कालेज के तारामंडल का शीघ्र होगा जीर्णोद्धार : मंत्री
मुजफ्फरपुर : एलएस कालेज के तारामंडल और वेधशाला का शीघ्र जीर्णोद्धार होगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार ङ्क्षसह ने मुजफ्फरपुर आगमन पर एलएस कालेज के तारामंडल का जायजा लेने के बाद ये बातें कहीं। कहा कि इसके लिए सरकार के पास प्रस्ताव रखा जाएगा। मंत्री का स्वागत करते हुए प्राचार्य डा.ओमप्रकाश राय ने कहा कि हेरिटेज दर्जा प्राप्त इस कालेज में तारामंडल वर्षाें से जीर्णोद्धार की बाट जोह रहा है। मंत्री के आश्वासन के बाद इसके जीर्णोद्धार की उम्मीद जगी है। फरवरी 1914 में वेधशाला की स्थापना की गई थी। इसके उपकरण जर्मनी से खरीदे गए थे। वेधशाला 1916 से काम करना शुरू कर दिया था। 1995 में वेधशाला के उपकरण चोरी हो गए, उसके बाद इसे बंद कर दिया गया। मंत्री ने परिसर में स्थित महात्मा गांधी, डा.राजेंद्र प्रसाद और लंगट बाबू की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वे एलएस कालेज मैदान में पहुंचे और क्रिकेट मैच का उद्घाटन किया। प्राचार्य ने गेंदबाजी की और मंत्री ने पहले ही गेंद पर चौका लगा शुभारंभ किया। मौके पर डा.टीके डे, डा.राजीव कुमार, डा.ललित किशोर, डा.नवीन कुमार समेत अन्य मौजूद थे।