सिस्टम पर भारी शहरी क्षेत्र के अतिक्रमणकारी, फ्लाई ओवर पर अवैध पार्किंग Muzaffarpur News
पुलिस प्रशासन प्रशासन मूकदर्शक यातायात पुलिस हवा में चलाती है लाठी। अतिक्रमण की पीड़ा झेल रहे हर शहरवासी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर का चौक-चौराहा हो या फिर मुख्य सड़क, अतिक्रमणकारियों के पांव जमे हुए हैं। नियम-कायदा ताक पर है और अतिक्रमणकारी लगातार अपना पांव फैला रहे हैं। पहले सड़क किनारे दुकान सजाते थे, अब बीच सड़क पर सजाते हैं। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। उनके मनी मैनेजमेंट के सामने जिला, पुलिस एवं निगम प्रशासन का सिस्टम हल्का साबित होता है। उनके पांव पसारने से सड़क अवरुद्ध हो जाए या वाहनों की गति को ब्रेक लग जाए, इसकी परवाह किसको है।
सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेवार कौन है। किसके संरक्षण में अतिक्रमणकारी फल-फूल रहे हैं। उनसे निपटने की जिम्मेवारी किसकी है। जिला प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन या फिर नगर निगम प्रशासन क्या कर रहा है। यह सवाल अतिक्रमण की पीड़ा झेल रहे हर शहरवासी का है। इनका जवाब कौन देगा। कौन लोग हैं जो अतिक्रमणकारियों को सह दे रहे है। अतिक्रमणकारियों से प्रशासन, पुलिस एवं निगम को मैनेज करने के लिए वसूल की जाने वाली राशि कहां जाती है। यदि प्रशासन, पुलिस एवं निगम उक्त राशि को नहीं लेती तो फिर अतिक्रमण को लेकर उन्होंने अपनी आंखें क्यों बंद कर रखी है। आखिर अतिक्रमणकारी इतने निर्भीक क्यों हैं, उन्हें किसी का भय क्यों नहीं है। ये तमाम सवाल अनुत्तरित हैं।
बड़े दुकानदारों की जागीर बनी मोतीझील सड़क
शहर के मुख्य बाजार मोतीझील की सड़क को बड़े दुकानदारों ने जागीर बना रखी है। कल्याणी से लेकर थाना चौक तक सड़क के दोनों तरफ स्थित कपड़े का शो रूम हो या फिर जूता-चप्पल की दुकान सबने सड़क तक अपने सामान को सजा रखा है। ग्राहक को लुभाने के लिए दुकान या कंपनी के प्रचार को होर्डिंग, बोर्ड एवं अन्य प्रचार सामग्री को सड़क पर सजा रखा है। नाला के ऊपर बने फुटपाथ पर बड़े दुकानदारों के संरक्षण में छोटे ने अपना कब्जा बना रखा है।
फ्लाई ओवर के नीचे अवैध दुकानदारों का कब्जा
मोतीझील में बने फ्लाई ओवर के ऊपर पार्किंग स्थल के अभाव में अवैध रूप से वाहन पार्क किए जाते हैं। फ्लाई ओवर के नीचे जहां पार्किंग होना था वहां फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा बना रखा है। इस प्रकार पूरा मोतीझील अवैध दुकानदारों के कब्जे में हैै।