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मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में पांच मरीजों की सांसें अटकी तो हंगामा

डीएम के हस्तक्षेप से उपलब्ध हुआ सिलेंडर और सामान्य हुई चिकित्सा व्यवस्था बाजार में ऑक्सीजन की मनमानी कीमत की हो रही वसूली। बाजार में भी तीन से चार हजार में बिकने वाला बड़ा सिलेंडर 12 से 15 हजार में बिक रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 08:17 AM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 08:17 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में पांच मरीजों की सांसें अटकी तो हंगामा
सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि हर निजी अस्पताल पर नजर रखी जा रही है।

मुजफ्फरपुर, जासं। ऑक्सीजन को लेकर हर जगह पर हाहाकार मचा हुआ है। सुबह जूरन छपरा रोड नंबर एक स्थित एक निजी अस्पताल में पांच मरीजों की सांसें अटकी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर लिए। मरीजों के स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। इसकी सूचना जिलाधिकारी प्रणव कुमार तक पहुंची। उसके बाद उनके हस्तक्षेप से तत्काल तीस सिलेंडर का इंतजाम किया गया। इंतजाम होने के बाद वहां पर इलाज व्यवस्था सामान्य हुई। वहां इलाज करा रहे मरीज के स्वजन मुकेश कुमार ने बताया कि सुबह में अस्पताल की ओर से बताया कि यहां ऑक्सीजन का संकट है। इसलिए अपने मरीज को लेकर कहीं और चले जाए। इसके बाद सारे लोग घबरा गए। इधर बाजार में भी तीन से चार हजार में बिकने वाला बड़ा सिलेंडर 12 से 15 हजार में बिक रहा है। इसके लिए भी लोग चिरौरी करते रहते हैं।

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निगरानी सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त

निजी अस्पताल में अपने स्वजन का इलाज करा रहे कांटी के राम प्रकाश ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना लगतार कंट्रोल रूम को दी गई। इधर प्रशासन की ओर से हर अस्पताल के लिए अधिकारी व चिकित्सक की टीम बनाने की बात कही जा रही है। वह ब्रह्मपुरा व जूरन छपरा में अपनी शिकायत करने गए लेकिन कोई प्रशासनिक अधिकारी या सरकारी चिकित्सक नहीं मिला। इसके कारण हर जगह पर मनमर्जी चल रही है। भगवान भरोसे सारा काम हो रहा है। इस तरह के आरोप कई मरीज के स्वजनों ने लगाया है। सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि हर निजी अस्पताल पर नजर रखी जा रही है। अगर किसी भी मरीज को कोई शिकायत हो तो हमारे कार्यालय में करें। उसका निदान होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति के प्रति हर स्तर पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है।

अस्पतालों में ऐसा होना चाहिए इंतजाम

- जो निजी अस्पताल इलाज कर रहे उसके बाहर उस अस्पताल की निगरानी करने वाले अधिकारी व सीएस की ओर से नामित चिकित्सा पदाधिकारी का नाम व मोबाइल नंबर रहे ताकि मरीज वहां की कुव्यवस्था की शिकायत करें।

- हर निजी अस्पताल के बाहर सूचना बोर्ड पर यह डिस्प्ले हो कि यहां पर कोरोना मरीज को कितना शुल्क देना है ताकि मनमानी वसूली नहीं हो सके।

- शहर के हर प्रमुख चौराहे तथा सभी निजी अस्पताल के बाहर एंबुलेंस, ऑक्सीजन की कीमत व उपलब्धता संबंधी सूचना प्रदर्शित हो।

- एसकेएमसीएच में वार्ड के बाहर चिकित्सक का नाम, पारा मेडिकल कर्मी का नाम व उनका मोबाइल नंबर अंकित हो।

- पिछले दिनों एसकेएमसीएच में मरीजों के इलाज का सीसीटीवी से डिस्प्ले करने की सुविधा जल्द बहाल हो। 


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