West Champaran: बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, तोड़-फोड़
West Champaran बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा एवं तोडफ़ोड़ किया। हंगामे की वजह से आधे घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा अस्पताल का सी ब्लॉक। मौके पर पहुंचे एसडीपीओ और कई थाने की पुलिस।
पश्चिम चंपारण, जागरण संवाददाता। बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शुक्रवार की सुबह में मृतक के स्वजनों एवं अन्य ने जमकर हंगामा एवं तोडफ़ोड़ किया। आधे घंटे के लिए अस्पताल के सी ब्लॉक में अफरा तफरी मच गई। आक्रोशितों में मरीज का उपचार समय पर नहीं करने का आरोप लगाकर चिकित्सक व मेडिकल स्टॉफ के साथ भी हाथापाई की। मेल मेडिसिन वार्ड मेें तोड़ फोड़ तोड़ फोड़ किए ।दरवाजे में लगे शीशे को तोड़ा। इस दौरान हंगामा कर रहे युवकों को चोट भी लगी।
घटना की सूचना पर एसडीपीओ मुकुल कुमार पांडेय, एएसडीएम अनिल कुमार, नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर, कालीबाग ओपी प्रभारी रणधीर कुमार भट्ट व मुफस्सिल थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे। लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह अस्पताल में बसवरिया के धुनियापट्टी निवासी दिलजान मियां (60) की मौत हो गई। स्वजनों ने आरोप लगाया कि मरीज का उपचार समय पर चिकित्सकों ने नहीं किया। जब वे इसकी शिकायत करने के लिए गए तो कोई सुनने वाला नहीं था।
मृतक के पुत्र मो. चांद ने बताया कि गुरुवार की रात उनके पिता की तबीयत खराब हुई। वे लोग जीएमसीएच लेकर पहुंचे, दवा दी गई। आराम होने पर वे लोग घर लेकर चले गए। सुबह में अचानक पेट फूलने लगा। तब वे लोग उन्हे अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों ने इलाज नहीं किया। नतीजतन उनकी मौत हो गई। जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्वजन मरीज को लेकर रात में ही अस्पताल आए थे। सुबह लेकर चले गए। फिर कुछ घंटे बाद मृत अवस्था में अस्पताल में लाकर हंगामा और तोडफ़ोड़ करने लगे।
हंगामा के कारण घंटों ठप रही चिकित्सा व्यवस्था
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिलाजन मियां की मौत होने पर जीएमसीएच का सी ब्लॉक रणक्षेत्र में तब्दील हो गया । जीएनएम पर हुए हमले के कारण सभी वार्डो में कार्यरत जीएनएम स्टाफ कुछ देर के लिए कार्य का बहिष्कार किया। नतीजतन मरीज व उनकेे परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रमौली की मीना देवी (60) को महिला मेडिसिन वार्ड में चार दिन पहले से भर्ती किया गया है। उनकी पुत्री नीति पांडेय ने बताया कि हंगामे के बाद सभी कर्मी वार्ड छोड़कर चले गए है। इंजेक्शन देने वाला भी कोई नहीं है। यहीं स्थिति में परिजन परेशान थे।