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पूर्वी चंपारण में नहीं थम रहा एईएस का कहर, फिर मिले दो मरीज, 18 मामले आ चुके सामने

पूर्वी चंपारण में अबतक सात को किया गया डिस्चार्ज। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पीकू वार्ड का किया निरीक्षण। तकनीकी विशेषज्ञों को दिए गए सख्त निर्देश।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 10:00 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में नहीं थम रहा एईएस का कहर, फिर मिले दो मरीज, 18 मामले आ चुके सामने
पूर्वी चंपारण में नहीं थम रहा एईएस का कहर, फिर मिले दो मरीज, 18 मामले आ चुके सामने

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। मोतिहारी जिले में एईएस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। सोमवार के फिर दो बीमार बच्चों को सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया। इस तरह अब तक 18 मामले सामने आ चुके हैं। इनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। राहत देने वाली बात यह कि ज्यादातर बच्चे ठीक हो गए हैं। पूर्व से भर्ती सात बच्चों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया। वहीं, रविवार को भी दो बच्चों को डिस्चार्ज किया गया था। इनके अलावा जिले के चार बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में हुआ था। वे भी स्वस्थ हैं। 

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तकनीकी विशेषज्ञों को सख्त निर्देश 

समाहरणालय की स्थापना प्रशाखा के वरीय उप समाहर्ता सुधीर कुमार और डीआरडीए के निदेशक राकेश कुमार ने पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। मरीजों के स्वजनों से मिलकर हाल जाना। वहां पता चला कि जांच के लिए लैब में बच्चे को लाने की बात तकनीकी विशेषज्ञ कह रहे हैं। इससे नाराज अधिकारियों ने लैब कर्मियों को बुलाकर सख्त निर्देश दिए। वार्ड में आकर ही सैंपल लेने को कहा। सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने कहा कि कोशिश है कि एईएस को लेकर जिले में कोई असहज स्थिति न बने।


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