मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में आरटीपीसीआर जांच को पहुंची दो मशीनें, नया नमूना लेने पर रोक
एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ.विकास कुमार ने बताया कि अभी तीन मशीनों से जांच किया जा रहा है। एक मशीन खराब है। ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए परिसर में लगाया जा रहा ऑक्सीजन टैंक 20 टन की होगी क्षमता।
मुजफ्फरपुर, जासं। एसकेएमसीएच परिसर में अब कोरोना मरीज की आरटीपीसीआर जांच के लिए आधा दर्जन मशीनें काम करने लगेगी। इसके लिए दो मशीनें यूनिसेफ की ओर से पहुंच गई हैं। इस बीच एक मशीन के खराब होने के बाद तत्काल नया नमूना लेने पर रोक लगा दी गई है। एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ.विकास कुमार ने बताया कि अभी तीन मशीनों से जांच किया जा रहा है। एक मशीन खराब है। दो नई मशीनें को लगाने का काम चल रहा है। दो से तीन दिन के अंदर सारी मशीन काम करने लगेंगी। इसके बाद जांच में तेजी आएगी। अभी छह हजार जांच पेंडिंग है। अभी प्रतिदिन 2200 से तीन हजार के बीच जांच की जा रही है।
ऑक्सीजन की कमी होगी दूर
प्राचार्य ने बताया कि एसकेएमसीएच परिसर में ऑक्सीजन टैंक स्थापित किया जा रहा है। इसकी क्षमता 20 टन की होगी। एक सप्ताह में यह तैयार हो जाएगा। इसके बाद परिसर में पूरा ऑक्सीजन का भंडार रहेगा। सेना द्वारा संचालित डीआरडीओ अस्पताल का सारा सामान यहां पर रखा गया है। इसका ही ऑक्सीजन टैंक है। अब इसका उपयोग किया जा रहा है।
पताही में तत्काल चालू हो टेंट सिटी अस्पताल
मुजफ्फरपुर : कांटी विधायक इसराइल मंसूरी ने पताही हवाई अडडा परिसर में तत्काल टेंट सिटी कोविड केयर अस्पताल चालू करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि पीडि़त मानवता की रक्षा के लिए अविलंब अस्थायी अस्पताल चालू किया जाए। बताया कि पिछले साल पताही हवाई अड्डा परिसर में सेना की ओर से पांच सौ बेड का अस्पताल संचालित हुआ। इस साल फरवरी में जब अस्पताल बंद हुआ तो सारा सामान एसकेएमसीएच को दे दिया गया। वेंटिलेटर, बेड ऑक्सीजन टैंक, फर्नीचर वगैरह सब एसकेएमसीएच में पड़ा हुआ है। वहां जो संसाधन है उससे तत्काल दो से तीन सौ बेड का अस्पताल एक सप्ताह में बनकर तैयार हो सकता है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में हर रोज वृद्धि हो रही है। मृत्यु दर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्पताल चालू होने से मुजफ्फरपुर के साथ वैशाली, चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर व पड़ोसी देश नेपाल के मरीजों को लाभ मिलेगा। इसकी जानकारी रक्षा मंत्रालय, केंद्रीय व राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और उनके प्रधान सचिव को भी दी है।