मुजफ्फरपुर में ट्रक ऑनर की हड़ताल से सड़क से बाजार तक हाहाकार
निर्माण कार्य सामग्री समेत फल-सब्जियों की आवक हुई कम बढऩे लगी महंगाई। सरकार के नए आदेश के विरोध में सड़क पर ट्रक चालक। 15 जनवरी की मध्यरात्रि से हड़ताल पर डटे बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने सरकार को मांग मानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
मुजफ्फरपुर, जासं। ट्रक ऑनर की हड़ताल का असर सड़क से बाजार तक दिखने लगा है। हड़ताल की वजह से सामान के बाजार तक नहीं पहुंचने की वजह से इसका असर आमलोगों पर पडऩे लगा है। निर्माण कार्य से संबंधित सामान, फल, सब्जी समेत अन्य खाद्य सामग्री की आवक कम हो गई है। नतीजा बालू, गिट्टी, सीमेंट, छड़ आदि की कीमत बढऩे लगी है। इसका असर निर्माण कार्य पर पड़ रहा है। सब्जियों एवं फलों की कीमत भी लोगों की जेब ढीली करने लगी है।
इधर, शहर से होकर गुजरने वाली सभी एनएच-एसएच के किनारे ट्रकों की लंबी कतार लगने से जाम की समस्या भी बनी हुई है जो हादसे को दावते दे रहे हैं। इधर, 15 जनवरी की मध्यरात्रि से हड़ताल पर डटे बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने सरकार को मांग मानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। एसोसिएशन उसके बाद पूरे बिहार में चक्का जाम करेगा। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भानू शेखर प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार ने आदेश जारी कर कोरोना संकट से जूझ रहे ट्रक ऑनर की आर्थिक कमर तोडऩे का काम किया है। 12 चक्के से ऊपर के ट्रकों को मिट्टी, गिट्टी एवं बालू ढुलाई से प्रतिबंधित करने संबंधी अध्यादेश अमानवीय है। जिलाध्यक्ष दिवाकर शर्मा ने कहा कि सरकार को ट्रक ऑनर एवं जनहित में नए अध्यादेश को वापस लेना चाहिए। इसका असर पूरे जनमानस पर पड़ रहा है। कोरोना वायरस की वजह से हर किसी की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। ऐसे में इस तरह का आदेश तानाशाही है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन ओवरलोड माल वाहक सड़कों से गुजर रहे हैं। इन पर कार्रवाई नहीं की जाती।