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बागमती के जलस्तर में वृद्धि से आवागमन का संकट

बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से बागमती के जलस्तर में ढ़ाई फीट की वृद्धि हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 01:15 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 06:12 AM (IST)
बागमती के जलस्तर में वृद्धि से आवागमन का संकट
बागमती के जलस्तर में वृद्धि से आवागमन का संकट

मुजफ्फरपुर : बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश से बागमती के जलस्तर में ढ़ाई फीट की वृद्धि हुई है। इससे औराई प्रखंड की बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बाध के बीच आवागमन का संकट उत्पन्न हो गया है। बरसात एवं बाढ़ से निपटने के लिए लोग जरूरत का सामान जमा करने लगे हैं। इस बीच लगातार बारिश एवं जल स्तर में वृद्धि के कारण परियोजना बाध के अंदर आने- जाने वाले लोग एवं पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अबतक सरकारी स्तर पर कहीं भी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है। अतरार, बभनगामा, मधुबन घाट के कई नाविकों ने गत वर्ष का परवाना नहीं दिए जाने की बात कही और इस बार सार्वजनिक नाव चलाने में असमर्थता व्यक्त की। इधर, लखनदेई के बाध की मरम्मत नहीं किए जाने से औराई के पूर्वी के लोग भयाक्रात हैं। जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक अखिलेश यादव ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन सौंपा है। बिहार सेना के दीनबंधु क्रातिकारी ने तटबंध की अविलंब मरम्मत के लिए खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर अनशन किया। शुक्रवार को बीडीओ विनोद कुमार प्रसाद एवं सीओ ने लखनदेई नदी के टूटे तटबंध का निरीक्षण किया।

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विस्थापितों की फिर बढ़ी परेशानी

बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी तटबंध के बीच बभनगामा, पटोरी टोला,मधुवनप्रताप, हरनी टोला,चहुंटा दक्षिणी टोला चैनपुर समेत कई गाव के चारों तरफ बाढ़ का पानी आ गया है। बागमती संघर्ष समिति के संयोजक मो आफताब आलम ने कहा कि 44 गाव में अभी तक सिर्फ बेनीपुर गाव के लोगों को पुनर्वास की जमीन सरकार ने दी है। शेष गाव के मकानमय सहन का भुगतान भी अभी 40 फीसद लंबित है और आवास की जगह किसी को नहीं मिली है। पुनर्वास की जमीन व मकानमय सहन का भुगतान अगस्त तक नहीं हुआ तो आदोलन करेंगे।


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