सीतामढ़ी-दरभंगा के बीच ट्रेन परिचालन बंद, रेलवे पुल पर पानी का बहाव जारी Muzaffarpur News
कमतौल-जोगियारा के बीच रेलवे पुल पर पानी का बहाव तेज। रेलवे ने अगले आदेश तक परिचालन पर लगाई रोक। पटरी को दुरुस्त करने का प्रयास जारी। कई स्टेशनों पर खड़ी है ट्रेनें।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। समस्तीपुर रेल मंडल के दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड पर कमतौल और जोगियारा स्टेशन के बीच रेलवे पुल संख्या-18 पर पानी के तेज बहाव के कारण ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। पानी का बहाव खतरे के निशान से ऊपर होने के चलते पूर्व मध्य रेलवे ने सोमवार की रात दो बजे से ही परिचालन पर रोक लगा दी है। यहां रेलवे ट्रैक में कटाव की भी चर्चा है। हालांकि, पानी का तेज बहाव होने की वजह से कुछ साफ नहीं हो पाया है। वैसे रेलवे की टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
पानी का दबाव बरकरार रहने के कारण अब तक मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका है। इधर, परिचालन ठप होने के चलते पुपरी और सीतामढ़ी स्टेशन पर कई ट्रेनें खड़ी हैं। सीतामढ़ी स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद ने बताया कि कमतौल-जोगियारा के बीच रेल पुल संख्या-18 पर बाढ़ का पानी खतरे के निशान को पार करने के कारण तत्काल रेल परिचालन रोक दिया गया है। जलस्तर की निगरानी की जा रही है। कई ट्रेनों का परिचालन रद कर दिया गया है। रात दो बजे के बाद इस रेलखंड पर किसी भी ट्रेन का परिचालन नहीं हुआ।
जाले में तटबंध टूटा, सोलह पंचायत बाढ़ से हुए प्रभावित
दरभंगा के जाले प्रखंड क्षेत्र में अधवारा समूह की खिरोई नदी का पश्चिमी तटबंध सोमवार की रात करीब तीन बजे मिल्की गांव के सामने ध्वस्त हो गया। तटबंध टूटने से जाले प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी भाग के करीब 16 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के मुरैठा-कमतौल स्टेशन के बीच रेल पुल संख्या 18 के निकट बांध टूटने से रेल परिचालन एक बार फिर रोक दी गई है। तटबंध पर पहले से खतरा बना हुआ था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा।
बांध की कमजोर स्थिति के कारण मिल्की गांव के लोग पहले से सचेत थे। बांध टूटते ही लोग जान-माल लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर भागने लगे। कई विशाल पेड़ गिर गए हैं। कई पशु बाढ़ के पानी में बह गए। अभी तक किसी के मौत की सूचना नहीं है। जाले पश्चिमी भाग के मिल्की-बेलवाड़ा, राढ़ी पश्चिमी, राढ़ी उत्तरी, राढ़ी दक्षिणी, काजी बहेरा, देउरा-बंधौली, मुरैठा, दोघरा समेत करीब सोहल पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है।
बांध टूटने की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन भी सक्रिय हुआ है। हालांकि, अभी तक बाढ़ पीड़ितों के पास कोई मदद नहीं पहुंची है। सुखाड़ की मार झेल रहे लोगों पर अब बाढ़ का कहर शुरू हो गया है। लोग जान-माल की सुरक्षा के लिए ऊंचे जगहों पर शरण ले रहे हैं।