पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद बोले- चंपारण के पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों के विकास के लिए बनेगी विस्तृत कार्ययोजना
पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा है कि पर्यटन के क्षेत्र में सूबे में चंपारण का अहम इतिहास हैं। उन्होंने कहा - पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार का भी किया जाएगा सृजन। दो दिवसीय दौरे पर बेतिया आए मंत्री नारायण प्रसाद ने पत्रकारों को दी जानकारी।
बेतिया (पश्चिम चंपारण), जासं। पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा है कि पर्यटन के क्षेत्र में सूबे में चंपारण का अहम इतिहास हैं। यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। ऐतिहासिक, धार्मिक, दार्शनिक व प्राकृतिक धरोहरे हैं। इन सभी स्थलों का पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरी तरह विकास किया जाएगा। मोतिहारी सर्किट बनाकर चंपारण के सारे पर्यटक स्थलों को विकसित कर राज्य, देश व विश्व पटल पर उभारा जाएगा। वे सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि चंपारण के उदयपुर जंगल, सिद्धपीठ पूजहा माई स्थान, लौरिया नंदनगढ़, भितिहरवा, वाल्मीकि नगर में पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
पर्यटन स्थलों पर शुद्ध पेयजल, बैठने की व्यवस्था, नाश्ता, भोजन, विश्राम, सुलभ यात्रा के साथ सांकेतिक सांकेतिक बोर्ड लगाने पर विचार किया जा रहा है। चंपारण के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण के लिए मोतिहारी के चंद्रहिया, माधोपुरमन, बेतिया राज, उदयपुर जंगल, लौरिया नंदनगढ़, भितिहरवा एवं वाल्मीकिनगर तक वाहन की व्यवस्था की जा रही है। पर्यटकों को आवासन की भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन के अंतर्गत भितिहारवा में गांधी सर्किट, थीम पार्क, मल्टी हॉल तथा मोतिहारी चंद्रहिया में थीम पार्क, मल्टी हॉल एवं तुरकौलिया में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जैन सर्किट, कांवरिया सर्किट, गांधी सर्किट, रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, बापू सर्किट फेज 2, सूफी सर्किट आदि का विकास कर पर्यटकों को भ्रमण की भी सुविधा दी जाएगी। आवासन और भ्रमण की सुविधा मिलने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगा। पर्यटन को रोजगार से जोड़ने की कोशिश होगी।प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष दीपेंद्र सर्राफ, रवि सिंह, धनरंजन कुशवाहा, राजन सोनी सहित कई लोग मौजूद रहे।
बेतिया राज को स्मृति के रूप में विकसित करने की योजना
पर्यटन मंत्री ने कहा कि बेतिया राज का गौरवशाली इतिहास रहा है। राज के कई राजा वर्षों तक शासन किए हैं। बेतिया राज को स्मृति के तौर पर विकसित करने की योजना है। इसके अलावा सरेयामन का भी विकास होगा। 8 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले मन को विकसित करने के लिए पूर्व में मुख्यमंत्री से भी बात हुई है।