Buddha poornima : आज बन रहा दुर्लभ योग, इस तरह करें पूजा तो मिलेगा विशेष लाभ
Buddha poornima बुद्घ पूर्णिमा पर घट दान करने से मिलेगा पुण्य। इसी दिन भगवान विष्णु का गौतम बुद्ध के रूप में अवतरण हुआ था।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु का धरती पर गौतम बुद्ध के रूप में अवतरण हुआ था। इस बार यह गुरुवार, 7 मई को है। इस दिन सुबह नित्य क्रिया के बाद किसी पवित्र जलाशय में स्नान, मंत्र जाप और दानादि करने का विधान है।
लॉकडाउन में घर में ही करें स्नान
रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर के पुजारी पंडित रमेश मिश्र व सदर अस्पताल स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर के पुजारी पंडित देवचंद्र झा ने इस बार देशभर में लॉकडाउन होने की वजह से पूर्णिमा पर नदी में स्नान करने से बचने और घर पर ही पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नानादि करने का अनुरोध किया है।
वर्षों बाद दुर्लभ योग बन रहा
कहा है कि इस बार पूर्णिमा पर वर्षों बाद दुर्लभ योग बन रहा है। वर्षों पूर्व शनि के मकर राशि में, राहु मिथुन में, केतु धनु में व मंगल कुंभ राशि में रहते हुए बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई थी। ऐसा ही योग इस बार भी बन रहा है। इस साल गुरु और शनि की युति भी है। इस पूर्णिमा पर जल का दान करने का विशेष महत्व है। यदि संभव हो तो कहीं प्याऊ लगवाएं या पानी से भरा मटका दान करें। इस दिन जल से भरे कुंभ का दान करने पर अक्षय पुण्य मिलता है।
सत्यनारायण भगवान की कथा का विधान
हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित रवि झा बताते हैं कि पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करने का विधान है। गुरुवार और पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा, व्रत-उपवास किया जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा
- सूर्योदय के पूर्व जगकर घर की साफ-सफाई करें।
- किसी पवित्र जलाशय में स्नानादि के बाद घर के मंदिर में भगवान विष्णु का पूजन करें। दीपक जलाकर घर को फूलों से सजाएं।
- घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक चिह्न बनाएं और गंगाजल छिड़कें।
- गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें।