Move to Jagran APP

Hepatitis Day : समय पर टीकाकरण व सजगता से ही होगा इस बीमारी से बचाव

Hepatitis Day हेपेटाइटिस दिवस की थीम हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य की गई तय। एसकेएमसीएच में माह में औसतन 100 से 150 और सदर अस्पताल में 50 से 100 के बीच मरीज आते।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 01:00 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 01:00 PM (IST)
Hepatitis Day : समय पर टीकाकरण व सजगता से ही होगा इस बीमारी से बचाव
Hepatitis Day : समय पर टीकाकरण व सजगता से ही होगा इस बीमारी से बचाव

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य बनाना है तो समय पर टीके जरूर लगवाएं। टीकाकरण व सजगता से ही बचाव संभव है। इस दिशा में लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस कार्यक्रम चलाया है। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए ही इस बार वैश्विक रूप से हेपेटाइटिस दिवस की थीम 'हेपेटाइटिस मुक्त भविष्य' तय की गई है। इसका मकसद साल 2030 तक हेपेटाइटिस को पूरी तरह मिटा देना है। इसका मुख्य उद्देश्य बीमारी के प्रति जागरूकता, रोकथाम, निदान और उपचार को प्रोत्साहित करना है।

loksabha election banner

एक माह में औसतन 100 से 150 मरीज

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने बताया कि विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस के लिए जागरूक करना है। एसकेएमसीएच मेडिसीन विभागाध्यक्ष डॉ. भगवान दास ने बताया कि माह में औसतन 100 से 150 मरीज आते हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एनके चौधरी ने बताया कि वहां माह में 50 से 100 के बीच हेपेटाइटिस के मरीज आते हैं। डॉ. दास ने कहा कि जो बीमार आते हैं उनमें 10 फीसद ही ऐसे होते हैं जिनको भर्ती करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस-बी के मरीजों से रक्त नहीं लेना चाहिए और उससे शारीरिक संबंध बनाने से भी बचें, वरना आप संक्रमित हो सकते हैं।

बचाव को करवाएं टीकाकरण

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके पांडेय कहते हैं कि जन्म के समय ही नवजात को हेपेटाइटिस से बचने का टीका दिया जाता है। इस मामले में अपना जिला काफी आगे है। यहां सदर अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात को बीसीजी के साथ हेपेटाइटिस का टीका अवश्य रूप से दिया जाता है। यह सुविधा पीएचसी स्तर पर भी उपलब्ध है।

हेपेटाइटिस की यह पहचान

हेपेटाइटिस के आम लक्षणों में थकान, फ्लू जैसे लक्षण, पेशाब का पीलापन बढऩा, पेट दर्द, भूख कम लगना, अचानक वजन का कम होना है। अगर, इस तरह के कोई लक्षण नजर आएं तो चिकित्सक से सलाह जरूर लें। डॉ. पांडेय ने बताया कि आमतौर पर एंटीजन टेस्ट कर हेपेटाइटिस का पता लगाया जाता है।

ऐसे करें रोकथाम

- साफ-सफाई का ध्यान रखें। -अच्छा हाइजीन हेपेटाइटिस को रोकने का एक कारगर तरीका है।

-बाहर का पानी, कच्चे फल-सब्जियां खाने से बचें।

- बॉडी फ्लूइड के संक्रमण से बचें। रक्त से होनेवाले संक्रमण से बचने के लिए निडिल्स, रेजर और टूथब्रश शेयर न करें।

- हेपेटाइटिस को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे बेहतर तरीका है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.