मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur flood News : जिले में बाढ़ का प्रभाव कम हो गया है। गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद अधिकतर लोग अपने घर लौट चुके हैं। तमाम राहत शिविर और सामुदायिक किचेन भी बंद हो गए हैं। बावजूद इसके अब भी 29 परिवार एनएच 57 और एनएच 77 के कई स्थानों पर पनाह लिए हैं। वजह इन्हें एक बार फिर बाढ़ आने का खौफ सता रहा है। ऐसे में स्वजन के साथ दर्जनों परिवार कम से कम विश्वकर्मा पूजा तक हाईवे पर ही रहना चाहते हैं।
दोबारा बाढ़ आने की आशंका
झपहां में हाईवे किनारे तकरीबन एक माह से परिवार के साथ रह रहीं ममता देवी को छह हजार रुपये मुआवजा मिल चुका है। कहती हैं, घर जाकर उसे ठीक करने में अभी डर लग रहा है। फिर बाढ़ आ गई तो मुश्किल होगी। इसलिए कुछ दिन और यहीं गुजारने के बाद जाना है। अहियापुर की ममता देवी, ईश्वरी देवी और झपहां की रजनी देवी का भी कुछ ऐसा ही कहना है। बताती हैं कि परिवार के साथ कम से कम विश्वकर्मा पूजा तक हाईवे पर ही रहेंगे। पिछले साल सितंबर तक बाढ़ का असर था। अगर दोबारा बाढ़ आई तो पता नहीं क्या होगा।
बाढ़ का प्रभाव अब लगभग समाप्त
जिले में आई बाढ़ से 15 प्रखंडों के 3156 गांवों की 22 लाख 66 हजार 565 की आबादी प्रभावित हुई। झपहां में हाईवे किनारे 303 परिवारों ने शरण ली थी। बाढ़ का प्रभाव अब लगभग समाप्त हो गया है। लेकिन, 29 परिवार अब भी यहां हैं। डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों में पांच लाख 35 हजार 400 के बैंक खातों में छह-छह हजार रुपये भेजे गए हैं। लोग अपने घरों को धीरे-धीरे लौट रहे हैं।
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