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तालिबान के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी, पूर्वी चंपारण का मामला

East Champaran News अफगानिस्तान के घटनाक्रम के मद्देनजर निर्देश के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क सीमाई इलाकों मेें बढ़ाई अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था संदिग्धों पर रखी जा रही नजर सशस्त्र सीमा बल को सतर्क किया गया है ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 09:32 AM (IST)
तालिबान के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी, पूर्वी चंपारण का मामला
रक्सौल-दिल्ली व काठमांडू को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर गाडिय़ों की जांच करते एसएसबी के जवान।

रक्सौल (पूर्वी चंपारण), जासं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। बदलते घटनाक्रम को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और नेपाल की आम्र्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) समन्वय स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने में जुटी हैं। विशेष निर्देश के बाद सीमाई इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को सतर्क किया गया है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि तालिबान समॢथत संगठनों का कई देशों में नेटवर्क है। वे अपने प्रभाव को स्थापित और विस्तार देने के लिए उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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भारत विरोधी संगठन नेपाल की धरती का भी इस्तेमाल करते रहे हैं। बार्डर इलाके से पिछले 10 वर्षों में एक दर्जन से अधिक ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनका संबंध विभिन्न आतंकी संगठनों से रहा है। ऐसे में पूर्व से चिह्नित संदिग्धों और उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। रक्सौल-दिल्ली व काठमांडू को जोडऩेवाले मुख्य मार्ग पर गाडिय़ों की जांच बढ़ा दी गई है।

साइबर कैफे और इंटरनेट मीडिया पर नजर 

रक्सौल के बार्डर इलाके में इंटरनेट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल पर नजर रखी जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रक्सौल इलाके में करीब आधा साइबर कैफे हैं, जबकि बार्डर पार नेपाल के परसा और बारा में इनकी संख्या एक दर्जन है। यहां आने वाले लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

ग्रामीण रास्तों की बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

भारत और नेपाल के बीच रक्सौल के अलावा पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में भी सीमा जुड़ी है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 19 माह से बार्डर सील है। इसके बावजूद दोनों देशों के लोग चोरी-छिपे ग्रामीण रास्तों से आ-जा रहे हैं। इसमें आदपुर, भेलाही, घोड़ासहन को काफी संवेदनशील माना जाता है। खुफिया विभाग को शक है कि इन रास्तों से अवांछित गतिविधियां हो सकती हैं।

मुख्यालय कमांडेंट प्रियव्रत शर्मा ने बताया कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम के मद्देनजर चौकसी बढ़ी है। नेपाल से जुडऩे वाले ग्रामीण रास्तों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है। एसएसबी जवान किसी भी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम और तैयार हैं।


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