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मिल्क नेटवर्क से जोड़े जाएंगे पश्चिम चंपारण के तीन हजार पशुपालक

40 हजार लीटर प्रतिदिन किया जा रहा दुध उत्पादन कम मूल्य पर बेंचने को हैं विवश हरनटांड़ व मैनाटांड़ में खुलेगा दुध शीतक केन्द्र जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने सुधा सहित अन्य मिल्क नेटवक्र के अधिकारियों से ऐसे किसानों को जोडऩे को कहा है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 05:17 PM (IST)
मिल्क नेटवर्क से जोड़े जाएंगे पश्चिम चंपारण के तीन हजार पशुपालक
पश्‍च‍िम चंपारण में है दूध उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पश्चिम चंपारण, जासं। जिले में दूध उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। प्रतिदिन दूध का उत्पादन करीब 50 हजार लीटर हो रहा है। इसमें 14000 लीटर दूध का ही वाजिब मूल्य मिल पा रहा है, तीन हजार पशुपालकों के द्वारा उत्पादित करीब 40 हजार लीटर कम मूल्य पर बेंचना पड़ रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीन हजार किसानों को अब तक किसी भी मिल्क नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सका है। जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने सुधा सहित अन्य मिल्क नेटवक्र के अधिकारियों से ऐसे किसानों को जोडऩे को कहा है। ताकि उन्हें वाजिब मूल्य मिल सके। हाल में मनरेगा के द्वारा किए गए जिले में सर्वेक्षण के अनुसार यह स्थिति पाप्त हुई है।

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वर्तमान में सभी प्रखंडों के पशुपालकों को सहकारी दुध उत्पादक सहयोग समिति से जोड़ा भी नहीं गया है। जिलाधिकारी ने ऐसे पशुपालको को जल्द से जल्द सुधा जैसे संगठित क्षेत्र में लाने पर बल दिया। ताकि किसानों को निरंतर आय स्रोत में वृद्धि होती रहे। जिले में दूध की बिक्री 16000-17000 लीटर प्रतिदिन ही है। इस प्रकार संग्रह से अधिक खपत है। इसे तीव्र गति से बढ़ाने की आवश्यकता है। ज्यादा से ज्यादा दुध की खरीदारी करे, इसके लिए तिमुल को पहले करने को कहा। इसके लिए हरनाटांड़ एवं मैनाटांड़ में एक-एक दुग्ध शीतक केन्द्र का अधिष्ठापन शीघ्र कराने का निर्देश दिया। ताकि आसपास के दुध उत्पादक सुगमतापूर्वक अपने दुध का विक्रय कर सके।

डीएम ने कहा है कि जो दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति किन्हीं कारणों से शिथिल पड़ गई हैं, तो उन्हें अविलंब सक्रिय करने की आवश्यकता बताई। इधर सुधा के प्रबंध निदेशक ने बताया कि पश्चिम चम्पारण जिले में समिति स्तर पर 183 डाटा मिल्क प्रोसेङ्क्षसग यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे सुबह-शाम दुग्ध की जांच समिति स्तर पर की जाएगी है। जिले में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उदेश्य से 28 महिला दुग्ध समितियां गठित है। दुध उत्पादक सहयोग समितियों के गठन के लिए आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। साथ ही रामनगर, गौनाहा एवं चनपटिया प्रखंड अंतर्गत 05 केएल बल्क कुलर की स्थापना, बेतिया दुग्ध शीतक केन्द्र के भवन का जीर्णोंद्धार की जरूरत है।


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