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Samastipur : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला हुआ संपन्न, 10 हजार से अधिक किसानों ने लिया भाग

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला मंगलवार को संपन्न हो गया। इसमें कृषि वैज्ञानिकों विशेषज्ञों सहित 10 हजार से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया। इसमें कृषि की नवीन तकनीकों और किसानो से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई।

By Vinay PankajEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 04:41 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 04:41 PM (IST)
Samastipur : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला हुआ संपन्न, 10 हजार से अधिक किसानों ने लिया भाग
किसान मेला समापन समारोह को संबोधित करते बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के कुलपति (जागरण)

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के कुलपति डॉ. आरके सोहाने ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को संगठित होना आवश्यक है। खासकर युवा वर्ग को सशक्त करते हुए उनका रुझान कृषि की ओर बढ़ाने की आवश्यकता है। तभी कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी। सरकार भी इस दिशा में प्रयासरत है। अब कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। डा. सोहाने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में आयोजित तीन दिवसीय किसान मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

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किसान मेला को लोक शिक्षा का सशक्त माध्यम बताते हुए कुलपति ने कहा कि इससे किसानों को विश्वविद्यालय के द्वारा किए गए अनुसंधान एवं तकनीकी की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जाती है। कुलपति ने जलवायु परिवर्तन को एक चुनौती बताते हुए कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रत्येक जिलों के पांच गांवों को चिह्नित कर जलवायु अनुकूल खेती की जा रही है जिसे एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है।

मौके पर मौजूद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी के निदेशक अंजनी कुमार ने कहा कि मेले में किसानों की सहभागिता ही बताती है कि किसानों में जागरूकता फैली है। उन्होंने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों से 10 हजार किसानों को जोडऩे की योजना बनाई गई है।

विश्वविद्यालय में आरंभ होंगे छह नए सॢटफिकेट कोर्स :

डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा.ॅ आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि तीन दिवसीय इस मेले में 10 हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया। रोजगार सृजन की चर्चा करते हुए कुलपति ने कहा कि रोजगार सृजन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के द्वारा छह नए सॢटफिकेट कोर्स पर विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है। इसमें कृषि यंत्रों की मैकेनिक कोर्स, पोली हाउस की मैकेनिक कोर्स, प्ले स्कूल असिस्टेंट कोर्स सहित अन्य शामिल हैं। इस कोर्स को तीन स्तरों पर रखा गया है। आठवीं दसवीं एवं 12 वीं पास युवा इस सॢटफिकेट कोर्स से रोजगारोन्मुखी हो सकते हैं। समारोह के अंत में विश्वविद्यालय से जुड़े स्टॉल एवं निजी कंपनियों को पुरस्कृत भी किया गया। 


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