केस डायरी नहीं भेजने वाले आइओ से कोर्ट ने पूछा, क्यों नहीं वेतन रोक दिया जाए
मोतीपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में 16 वर्षीया दसवीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच अधिकारी के विरुद्ध कोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
मुजफ्फरपुर : मोतीपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में 16 वर्षीया दसवीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच अधिकारी के विरुद्ध कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। जांच अधिकारी इस मामले में विशेष पाक्सो कोर्ट में केस डायरी नहीं पेश कर रहे हैं। इससे इस मामले के एक आरोपित राजीव कुमार की अग्रिम जमानत की अर्जी की सुनवाई नहीं हो रही है। उसकी ओर से यह अग्रिम जमानत की अर्जी पिछले साल 29 नवंबर को दाखिल की गई थी। इसकी सुनवाई करते हुए विशेष कोर्ट ने पिछले साल 16 दिसंबर को मोतीपुर थाना के दारोगा व जांच अधिकारी से केस डायरी मागी थी। इस साल पांच जनवरी को इस संबंध में स्मार पत्र भी भेजा था। विशेष पाक्सो कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार ने उन्हें चेतावनी देते हुए पूछा है कि क्यों नहीं उनका वेतन रोक दिया जाए। कोर्ट ने इसकी सुनवाई के लिए 20 जनवरी को अगली तिथि निर्धारित की है।
यह है मामला : सामूहिक दुष्कर्म की घटना पांच सितंबर को मोतीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। छात्रा ने मोतीपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने गांव के ही राजीव कुमार, अभिषेक कुमार, रोहित कुमार व अजीत कुमार को आरोपित बनाया था। प्राथमिकी में कहा था कि वह दोपहर में शौच के लिए खेत में गई थी। जब वह लौट रही थी तो पहले से घात लगाए चारों आरोपितों ने उसे पकड़ लिया। उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। इसका उसने पुरजोर विरोध किया। उसे जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ चारों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपित राजीव ने मोबाइल से इसका वीडियो तैयार कर लिया। तब वह लोकलाज के भय से चुप रही। इसके बाद चारों आरोपित वीडियो दिखाकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल करने लगा। तब उसने इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी और हिम्मत जुटाकर थाना पर आई।