Sheohar : बालश्रम या बाल विवाह कराने वालों पर हो सकती है कारावास की सजा
Sheohar news बाल अधिकारों के प्रति सामुदायिक जागरुकता जरुरी जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित इस दौरान बाल संरक्षण समिति के उद्देश्यों व कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। बाल संरक्षण का मुख्य उद्देश्य अनाथपरित्यक्त एवं अभित्यक्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
शिवहर, जासंं। जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्वावधान में शिवहर प्रखंड कार्यालय के सभागार में जागरुकता कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान बाल संरक्षण समिति के उद्देश्यों व कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी गई। मौजूद लोगों ने बताया कि, बाल अधिकारों को लेकर चेतना विकास के साथ सामुदायिक जागरुकता जरुरी है। बाल संरक्षण पदाधिकारी विवेक कुमार रजक ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी। कहा कि, बाल संरक्षण का मुख्य उद्देश्य अनाथ,परित्यक्त एवं अभित्यक्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। कहीं भी अगर कोई बच्चा संकटपूर्ण स्थिति में दिखे तो अविलंब इसकी सूचना नजदीकी थाना, चाइल्डलाईन के टोल फ्री नंबर 1098, जिला बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण समिति को देने का निर्देश दिया गया।
बैठक में बालश्रम और बाल विवाह को सामाजिक अभिशाप बताया गया। साथ ही इससे मुक्ति के लिए सामाजिक स्तर पर पहल की बात कही गई। बताया गया कि जन सहयोग से ही इन सामाजिक बुराईयों का खात्मा संभव है। इसके लिए अभिभावक समेत गांव-समाज के एक-एक व्यक्ति को आगे आना होगा। इसके अलावा बालश्रम और बाल विवाह से संबंधित कानून की भी जानकारी दी गई। बताया कि बालश्रम कराने या बाल विवाह करने पर कारावास की भी सजा हो सकती है। गांव विकास मंच के अध्यक्ष नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा बाल अधिकार, मानव व्यापार एवं बाल विवाह पर चर्चा की। कहा कि, यह कुप्रथा और जानकारी का अभाव समाज को और भी कमजोर कर रहा है। इसके प्रति सचेत होकर ही इससे मुक्ति संभव है। मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता अजब लाल चौधरी, संजीव कुमार व सुधीर कुमार आदि मौजूद थे।