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समस्तीपुर की यह फुटबॉलर आज सफलता के आसमान में भर रही उड़ान, कभी अपनों से सुनने पड़ते थे तरह तरह के ताने

स्टेट व नेशनल चैंपियनशिप में बिहार महिला फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व करने वाली साधना के संघर्ष को मिला मुकाम। चहुंओर हो रही प्रशंसा। सभी दे रहे बधाई। निर्वाचन आयोग ने जिले का स्वीप आइकॉन बना साधना के कॅरियर में एक खुशनुमा पल भर दिया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 01:40 PM (IST)
समस्तीपुर की यह फुटबॉलर आज सफलता के आसमान में भर रही उड़ान, कभी अपनों से सुनने पड़ते थे तरह तरह के ताने
निर्वाचन आयोग ने जिले का स्वीप आइकॉन बना साधना के कॅरियर में एक खुशनुमा पल भर दिया है।

समस्तीपुर, [ पद्माकर सिंह लाला ]। बिहार का फुटबॉल टैलेंट इन दिनों शहर नहीं बल्कि ग्रामीण इलाके में तैयार हो रहा है । यहां कोई खेल अकादमी की सुविधा नहीं है फिर भी अपने जोश और कुछ कर गुजरने के जुनून के दम पर खिलाड़ी सफलता की नई कहानी को लिखने को बेताब दिख रहे हैं। विद्यापतिनगर प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्राम्यांचल इलाके में महिला फुटबॉलर अपने सपनों को गोलपोस्ट तक पहुंचाने के लिए अदम्य साहस व तन्मयता से लगी हैं। बिहार का नाम रोशन करने की बेताबी उनमें दिख रही है ।इसकी बानगी इन दिनों मिर्जापुर हाईस्कूल के मैदान में देखने को मिल रही है। दर्जनों महिला फुटबॉल खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने को लेकर प्रयासरत हैं । पंख से नहीं बल्कि हौसलों से उड़ान होती है। सच्ची लगन, निष्ठा, त्याग,मेहनत और समर्पण भाव से किए गए हर काम में सफलता कदम चूमती है। इस उक्ति को बिहार महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ी साधना ने चरितार्थ कर दिखाया है।

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विद्यापतिनगर प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके मिर्जापुर गांव की इन प्रतिभाओं ने अपनी करिश्माई जौहर दिखा न केवल गांव में छुपी प्रतिभाओं का अहसास सूबे को कराया है बल्कि जिले सहित पूरे इलाके को गौरवान्वित किया है । बचपन से ही फुटबॉलर बनने का सपना देखने वालीं साधना ने राज्य फुटबॉल टीम में अपनी जगह बनाने में सफलता हासिल की। विद्यापतिनगर प्रखंड के मिर्जापुर गांव निवासी रामनरेश सिंह व शीला देवी की पुत्री साधना गांव में सुविधा नहीं होने के बावजूद फुटबॉल के प्रति अपने जुनून में कोई कमी नहीं आने दी। वह गांव से चलकर फुटबॉल खेलने जब लड़कों के साथ आती थी तो लोग ताने मारने से भी बाज नहीं आते थे। बचपन से ही पढ़ाई में भी मेधावी रही साधना ने खेल के मैदान में अपनी करिश्माई जौहर से न केवल गांव बल्कि जिला और राज्य के लोगों को भी अपने में छिपी प्रतिभा का अहसास कराया।

अब निर्वाचन आयोग ने जिले का स्वीप आइकॉन बना साधना के कॅरियर में एक खुशनुमा पल भर दिया है।पढाई के साथ ही साधना नियमित तौर पर अभ्यास करती हैं । अपनी अदम्य साहस , समर्पण व खेल में बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत बिहार महिला सीनियर फुटबॉल टीम में जगह बनाने कामयाबी हासिल की है । हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय सीनियर महिला फुटबॉल चैंपियनशिप में बिहार टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी साधना पहले भी बिहार अंडर -19 महिला फुटबॉल टीम में चयनित हो अपने बेहतरीन प्रदर्शन से जिले का भी नाम रोशन कर चुकी हैं। बहरहाल गरीबी को झेल कर फुटबॉल के फलक पर छाने को बेताब साधना अपनी कामयाबी का श्रेय विद्यापति महिला फुटबॉल क्लब के अध्यक्ष पीएस लाला, सचिव धीरज कुमार सिंह व कोच नीरज कुमार सिंह सहित अपने परिजनों को देती है । कहतीं है कि इस ग्रामीण इलाके में महिला फुटबॉल को नया आयाम देने में इन लोंगों का हमेशा ही पूरा सहयोग मिलता रहा। इन महिला फुटबाॅलर बेटियों ने बताया कि आज तक राज्य सरकार व जिला प्रशासन की ओर से कोई भी सहायता नहीं उपलब्ध कराई गई है नतीजतन तमाम तरह की चुनौतियों व परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।


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