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गाय के रूप में 'गंगा-यमुना ' की सेवा से समृद्ध हो रहा पूर्वी चंपारण का यह परिवार

पूर्वी चंपारण के मनकररिया पंचायत के हुसेपुर निवासी सामान्य किसान दीपक तिवारी ने गाय की सेवा के लिए अपनी दिनचर्या को बदल दिया है। ये कहते हैं कि कहते हैं कि गो माता की सेवा से सपरिवार तो स्वास्थ्य तो रहता ही है बेहतर संस्कार की उत्पत्ति भी होती है।

By Vinay PankajEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 04:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 04:05 PM (IST)
गाय के रूप में 'गंगा-यमुना ' की सेवा से समृद्ध हो रहा पूर्वी चंपारण का यह  परिवार
अपनी गायों की सेवा में लीन दीपक तिवारी

 पूर्वी चंपारण, जेएनएन। गाय के रूप में 'गंगा ' व 'यमुना ' की सेवा से एक परिवार समृद्धि की राह तय कर रहा है। सामान्य किसान ने गाय की सेवा के लिए अपनी दिनचर्या को बदल दिया है। सुबह में जगने के साथ गाय की सेवा उनके प्रतिदिन का कार्य है। किसान दीपक तिवारी कहते हैं कि गो माता की सेवा से सपरिवार तो स्वास्थ्य तो रहता ही है बेहतर संस्कार की उत्पत्ति भी होती है। वे विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं।

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सुबह-शाम गाया की सेवा दिनचर्या में शामिल :

दीपक एक साधारण किसान हैं तथा अपने दरवाजे पर दो गाय रखकर सुबह-शाम सेवा करना उनकी दिनचर्या है। इन दोनों गाय का नाम उन्होंने 'गंगा ' व 'यमुना' रखा है। उनकी एक आवाज पर गंगा व यमुना उनके पास आ जाती है। किसान सह अध्यक्ष तिवारी सबसे अधिक दूध यमुना से लेते हैं। इतना ही नहीं दिन हो या शाम यमुना 18 लीटर दूध देती है व गंगा नाम से पुकार करने वाली गाय 12 लीटर।

तिवारी की दिनचर्या सुबह तीन बजे से प्रारंभ होती है। जगने के बाद गंगा व यमुना की सेवा में लगाकर सुबह सात बजते-बजते सारे कामों को निपटा लेते हैं। इसके बाद वे अन्य दैनिक कार्य में लग जाते हैं।

गो सेवा से परिवार का विकास

दीपक तिवारी मनकररिया पंचायत के हुसेपुर निवासी स्वर्गीय सनत तिवारी के पुत्र हैं। उनका कहना है कि गो माता की सेवा से ही मेरे परिवार का विकास हुआ है तथा मेरे दोनों पुत्र आज अच्छी जगह पर हैं। तिवारी बताते हैं कि वे सुबह-सुबह जगते हैं तो गंगा व यमुना दोनों उन्हें देख रंभाने लगती हैँ। लगता है कि वे अपनी भाषा में उन्हेंं अपने पास बुला रही हों। उनकी इस प्रकार की सेवा व समृद्ध् होता देख आसपास के छोटे किसान भी गाय पालन को लेकर सजग दिखने लगे हैंं। 


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