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SKMCH के इस डाॅक्‍टर को लग रहा कोरोना से डर, ड्यूटी लगाए जाने पर ब‍िना बताए गायब

एसकेएमसीएच के एक वरीय चि‍क‍ित्‍सक ने कोव‍िड अस्‍पताल में ड्यूटी लगाने के बाद काम करने से इंकार करते हुए ब‍िना बताए ही छुट्टी पर चले गए। इससे पहले भी उन्‍होंने ऐसा क‍िया था। अब प्रशासन के कदम का सबको इंतजार है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 02:14 PM (IST)
SKMCH के इस डाॅक्‍टर को लग रहा कोरोना से डर, ड्यूटी लगाए जाने पर ब‍िना बताए गायब
इसकी र‍िपोर्ट तैयार कर एसकेएमसीएच अधीक्षक को सौंप दी गई है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एसकेएमसीएच में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के वरीय च‍िक‍ित्‍सक ओम प्रकाश झा ने कोव‍िड अस्‍पताल में ड्यूूूूटी लगाए जाने के बाद काम करने से ही इंकार कर द‍िया। इतना ही नहीं उन्‍होंने अवकाश का आवेदन भी नहीं द‍िया है। इस बारे में श‍िशु रोग व‍िभाग के व‍िभागाध्‍यक्ष गोपाल शंकर सहनी ने कहा क‍ि इन्‍हें कोव‍िड अस्‍पताल में 15 द‍िनों के ल‍िए ड्यूटी दी गई थी। लेक‍िन, उन्‍होंने इसे स्‍वीकार करने से इंकार कर द‍िया। उनके इस व्‍यवहार को असमान्‍य माना गया और इसकी र‍िपोर्ट तैयार कर एसकेएमसीएच अधीक्षक को सौंप दी गई है।

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घुटने में परेशानी होने की बात 

अपनी र‍िपोर्ट डॉ.सहनी ने ल‍िखा है क‍ि डॉ झा ने कोव‍िड अस्‍पताल में ड्यूटी लगाए जाने की सूचना के बाद ही गायब हो गए। जाने से पहले उन्‍होंने एक आवेदन छोड़ा है। ज‍िसमें उन्‍होंने अपने घुटने में परेशानी होने की बात का उल्‍लेेेेख क‍िया है। कहा, मेरे घुटने में अक्‍सर परेशानी रहती है। इस समय यह बढ़़ गया है। इसल‍िए मुझे अवकाश चाह‍िए। अवकाश स्‍वीकृत नहीं होने की स्‍थ‍ित‍ि में इसे ही त्‍यागपत्र मान लेने की बात भी उन्‍होंने कही है। यह कोई पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी वे कोव‍िड से जुड़ेे कार्य में लगाए जाने पर ब‍िन बताए भी अवकाश पर चले गए थे। इस बार भी उन्‍होंने ऐसा ही क‍िया है। मालूम हो क‍ि एसकेएमसीएच में हर डॉक्‍टर को 15 द‍िनों की ड्यूटी कोव‍िड वार्ड में दी जाती है। अब देखना होगा क‍ि प्रशासन की ओर से इस द‍िशा में क्‍या न‍िर्णय ल‍िया जाता है। हालांक‍ि लोगों का कहना है क‍ि जब डॉक्‍टर ही इस तरह से डरकर भागने लगेंगे तो मरीजों का क्‍या होगा। खासकर कोरोना के इस काल में च‍िक‍ित्‍सकों की भूम‍िका को महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है। उन्‍होंने फ्रंंट लाइन पर रहकर मरीजों की च‍िक‍ित्‍सा की है। लेक‍िन, अब जबक‍ि सुरक्षा के सारे उपाय मौजूद हैं और संक्रमण का खतरा बहुत कम हो गया है, एस वरीय च‍िकत्‍सक का इस तरह  से भागना च‍िंंंंत‍ित करता है।   


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